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कनाडा में भारतीय छात्रों पर नई नकेल, अब हफ्ते में इतने घंटे ही बाहर काम कर सकेंगे

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान कामगारों की कमी दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के 20 घंटे ऑफ कैंपस काम करने की सीमा में अस्थायी रूप से छूट दी थी। अब इस छूट को खत्म कर दिया गया है।

कनाडा के आव्रजन, शरणार्थी एवं नागरिकता मामलों के मंत्री मार्क मिलर / X @MarcMillerVM

कनाडा सरकार ने एक नए फैसले में तय किया है कि भारतीय और अन्य विदेशी छात्र अब हर हफ्ते केवल 24 घंटे ही ऑफ-कैंपस काम कर सकेंगे। कनाडा सरकार की तरफ से मंगलवार को लिया गया ये फैसला सितंबर से लागू होगा। 

आव्रजन, शरणार्थी एवं नागरिकता मामलों के मंत्री मार्क मिलर की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कैंपस के बाहर प्रति सप्ताह 20 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति देने वाली अस्थायी नीति 30 अप्रैल 2024 को खत्म हो जाएगी और इसे आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।



उन्होंने कहा कि कनाडा सरकार ने देश में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन में वृद्धि पर रोक लगाने के इरादे से कुछ फैसले लिए हैं। इसके तहत हमने इस बार फॉल से प्रति सप्ताह छात्रों के परिसर के बाहर काम करने की अवधि को 24 घंटे तक सीमित करने का इरादा जाहिर किया है। 

बता दें कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी की अगुवाई वाली सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान कामगारों की कमी दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के ऑफ कैंपस काम करने की 20 घंटे की समयसीमा को अस्थायी रूप से माफ कर दिया था। अब इस छूट को खत्म कर दिया गया है।

कनाडा में जाकर पढ़ाई करने और नौकरी करने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों के लिए यह एक झटका होगा। कनाडा भारतीय छात्रों के पसंदीदा देशों में से एक है। कैनेडियन ब्यूरो फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन (CBIE) की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में 3,19,130 भारतीय छात्र थे। 

मिलर का कहना है कि कनाडा आने वाले छात्रों को यहां पढ़ाई पर अपना ध्यान लगाना चाहिए। यह सही है कि कैंपस से बाहर काम करने से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अनुभव मिलता है और कुछ खर्चों की भरपाई करने में भी मदद मिलती है। 

लेकिन छात्रों को प्रति सप्ताह 24 घंटे तक काम करने की अनुमति देने से यह सुनिश्चित होगा कि वे अपनी पढ़ाई पर फोकस कर पाएंगे। जब जरूरी होगा तो उनके पास काम करने का विकल्प होगा। हम चाहते हैं कि छात्रों के लिए कनाडा में अध्ययन महत्वपूर्ण होना चाहिए, न कि यहां पर काम करना। 

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अमेरिका और कनाडा में किए गए हालिया अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा गया है कि हर हफ्ते 28 घंटे से अधिक ऑफ कैंपस काम करने वाले छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन में काफी गिरावट आई है। प्रति सप्ताह 24 घंटे से अधिक काम करने वाले छात्रों के कोर्स से बाहर होने का खतरा रहता है। 

मंत्री ने बयान में कहा कि अधिकांश देश अंतरराष्ट्रीय छात्रों की पढ़ाई के दौरान बाहर काम करने की सीमा तय करते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में विदेशी छात्रों को हर दो हफ्ते में 48 घंटे काम करने की अनुमति देने के लिए अपनी नीति बदली है। अमेरिका में छात्रों को ऑफ कैंपस काम करने के लिए अतिरिक्त मानदंडों को पूरा करना होता है। 

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