मुस्लिम संगठन इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) की अगुवाई में मानवाधिकार और अंतरधार्मिक संगठनों का एक गठबंधन अब अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिकृति के विरोध में उतर आया है। इस साल के NYC इंडिया डे परेड में राम मंदिर फ्लोट की निंदा करने के लिए 14 अगस्त को न्यूयॉर्क सिटी हॉल के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शन आयोजित किया। मुस्लिम संगठन को कार्यक्रम में BAPS की भागीदारी और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के शामिल होने पर भी आपत्ति है।
मुस्लिम संगठन IAMC की अगुवाई वाले गठबंधन का कहना है कि इस फ्लोट का सह-प्रायोजक न्यूयॉर्क के भारतीय वाणिज्य दूतावास और विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) है। यह भारत स्थित अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिकृति है। मुस्लिम संगठन ने इसे कई लोगों के लिए मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का प्रतीक बताया है।
IAMC ने इसे 'मुस्लिम विरोधी' करार देते हुए NYC मेयर एरिक एडम्स के फ्लोट की निंदा करने के फैसले का स्वागत किया। मेयर एडम्स ने कहा है कि 'शहर सभी के लिए खुला है और नफरत के लिए कोई जगह नहीं है। और अगर परेड में कोई फ्लोट या व्यक्ति नफरत को बढ़ावा दे रहा है, तो उन्हें शामिल नहीं किया जाना चाहिए।'
मुस्लिम संगठन IAMC का कहना है कि यह मंदिर विवादित खंडहरों पर खड़ा है, जिसे कुछ मुसलमान बाबरी ढांचा कहते थे। इस ढांचे को 1992 में ध्वस्त कर दिया गया था। इसके बाद पूरे उत्तरी भारत में दंगे हुए थे, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। मुस्लिम संगठन ने इसे विभाजनकारी प्रतीक बताया है। गठबंधन ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की भागीदारी पर भी चिंता व्यक्त की। इसके अलावा भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक राजनेता मनोज तिवारी की भागीदारी पर भी चिंता व्यक्त की।
न्यू यॉर्क के राजनेताओं राज्य विधानसभा सदस्य जोहरन ममदानी और शहर परिषद के सदस्य शेखर कृष्णन और शाहिना हनीफ ने पहले मेयर एडम्स को एक संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। पत्र में आग्रह किया गया है कि न्यूयॉर्क में सार्वजनिक समारोहों में ऐसे प्रतीक शामिल नहीं होने चाहिए। प्रेस कॉन्फ्रेंस में IAMC की हुस्ना वोहरा ने कहा, 'राम मंदिर के निर्माण का जश्न मनाने वाला प्रतीक विभाजनकारी होगा और NYC के मूल्यों के विपरीत होगा।'
हिंदू संचार निदेशक डेविड कलाल ने कहा कि इस साल की परेड में राम मंदिर फ्लोट को शामिल करना सांस्कृतिक गर्व का जश्न नहीं है, बल्कि एक हिंसक इतिहास और एक हिंसक महत्वाकांक्षा का महिमामंडन है। काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस न्यू यॉर्क के बोर्ड अध्यक्ष अफशान ख्वाजा ने कहा कि हम इंडिया डे परेड में राम मंदिर के प्रतीक के प्रदर्शन की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं।'
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