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ट्रम्प के कार्यकाल में आप्रवासियों पर कसेगा शिकंजा, हर साल लाखों लोग हो सकते हैं डिपोर्ट!

ट्रम्प के सहयोगियों का मानना है कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति बड़े पैमाने पर निर्वासन के अपने वादे को पूरा करने के लिए सेना से लेकर विदेशी राजनयिकों तक को एक्टिव कर सकते हैं।

ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ व्यापक कार्रवाई का संकल्प जताया था। / REUTERS/Go Nakamura/File Photo

डोनाल्ड ट्रम्प के अगला राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद आप्रवासियों पर अमेरिका के रुख में सख्ती की संभावना है। माना जा है कि उनके कार्यकाल में एजेंसियों को रिकॉर्ड संख्या में आप्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए सक्रिय किया जा सकता है। 

ट्रम्प के छह पूर्व अधिकारियों और सहयोगियों की मानें तो राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प अपने पहले कार्यकाल की योजनाओं को आगे बढ़ा सकते हैं और आप्रवासियों की पनाह देने वाले तथाकथित सैंक्चुअरी जुरिडिक्शंस पर सहयोग करने के लिए दवाब बना सकते हैं। इसके लिए वह सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकेंगे। 

ट्रम्प के सहयोगी जिनमें कुछ ऐसे लोग भी शामिल हैं जो उनके दूसरे कार्यकाल में प्रशासन में शामिल हो सकते हैं, उनका कहना है कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति बड़े पैमाने पर निर्वासन के अपने वादे को पूरा करने के लिए अमेरिकी सेना से लेकर विदेशों में राजनयिकों तक सभी को सक्रिय कर सकते हैं। उनका कहना है कि ट्रम्प के इस प्रयास में रिपब्लिकन नेतृत्व वाले राज्य तो साथ देंगे, लेकिन प्रतिरोध करने वाले प्रशासनों को साथ लाने के लिए फेडरल फंडिंग का दवाब के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। 

ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान अवैध इमिग्रेशन के खिलाफ व्यापक कार्रवाई का संकल्प जताया था। उन्होंने रिकॉर्ड संख्या में आप्रवासियों को निर्वासित करने का वादा भी किया था। ट्रम्प के रनिंग मेट जेडी वेंस ने तो अनुमान जताया था कि हर साल 10 लाख से अधिक लोगों को देश से बाहर किया जा सकता है।

हालांकि आप्रवासियों के पैरोकारों ने चेतावनी दी है कि ट्रम्प का यह निर्वासन अभियान एक बेहद महंगी, विभाजनकारी और अमानवीय मुहिम साबित हो सकता है। इससे परिवारों और समुदायों को अलगाव और विभाजन का सामना करना पड़ सकता है।

2017 से 2021 तक राष्ट्रपति रहने के दौरान ट्रम्प ने निर्वासन बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए थे। हालांकि सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ट्रम्प के कार्यकाल में जितने आप्रवासियों को हटाया गया था या फिर मेक्सिको सीमा से लौटाया गया था, उससे कहीं ज्यादा बाइडेन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023 में कार्रवाई की थी। 

हालांकि ट्रम्प को अपने इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इमिग्रेंट एडवोकेसी ग्रुप और नागरिक अधिकार संगठनों का भी सामना करना पड़ सकता है। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और इमिग्रेंट एडवोकेसी ग्रुप पहले ही कह चुके हैं कि अगर ट्रम्प ने राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसा कुछ किया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और कानूनी तरीके से चुनौती देंगे। 

माना जा रहा है कि लाखों लोगों को निर्वासित करने का अभियान चलाने के लिए बड़ी संख्या में अधिकारियों, डिटेंशन बेड्स और इमिग्रेशन कोर्ट जजों आव्रजन की जरूरत होगी। एक इमिग्रेंट एडवोकेसी ग्रुप अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल का अनुमान है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 13 मिलियन प्रवासियों को निर्वासित करने में एक दशक तक का समय और 968 बिलियन डॉलर का खर्च आ सकता है। 

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