भारत के स्टार टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने ऑस्ट्रेलियन ओपन 2024 में अपने करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने दुनिया के 27वें नंबर के खिलाड़ी और 31वीं वरीयता प्राप्त कजाखस्तान के एलेक्जेंडर बुबलिक को सीधे सेटों में 6-4, 6-2, 7-6 से हराकर अपने कैरियर में पहली बार ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दूसरे दौर में प्रवेश कर लिया।
दो घंटे से अधिक समय तक चले इस मैच में नागल ने आक्रामक बेसलाइन खेल और रणनीतिक कौशल का मिश्रण दिखाया। उनकी जीत और भी उल्लेखनीय है क्योंकि यह उनकी दूसरी ग्रैंड स्लैम मुख्य ड्रॉ जीत है।
इस जीत के बाद सुमित ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। नागल की जीत के साथ ही 35 साल में पहली बार किसी भारतीय ने ग्रैंडस्लैम सिंगल में किसी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी को हराया है। आखिरी बार 1989 में रमेश कृष्णन ने मैट विलांडर को मात दी थी जो उस समय दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और ऑस्ट्रेलियाई ओपन में मौजूदा चैम्पियन थे।
बुबलिक के साथ यह मुकाबला नागल के बेहतर गेमप्ले और मानसिक दृढ़ता का एक बेहतरीन उदाहरण था। पहला सेट करीबी रहा, जिसमें नागल ने नौवें गेम में बुबलिक की सर्विस तोड़ी, जिससे सेट उनके पक्ष में झुक गया। दूसरे सेट में नागल ने बुबलिक की अप्रत्याशित गलतियों को भुनाया, दबाव बनाए रखने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। इस तरह नागल ने बुबलिक को दो घंटे 38 मिनट तक चले मैच में 6 . 4, 6 . 2, 7 . 6 से मात दी।
नागल ऑस्ट्रेलियाई ओपन में पहली बार दूसरे दौर तक पहुंचे हैं। वह 2021 में पहले दौर में लिथुआनिया के रिकार्डास बेरांकिस से 2 . 6, 5 . 7, 3 . 6 से हार गए थे। विश्व रैंकिंग में 139वें स्थान पर काबिज नागल अपने कैरियर में दूसरी बार किसी ग्रैंडस्लैम का दूसरा दौर खेलेंगे। वह 2020 अमेरिकी ओपन के दूसरे दौर में डोमिनिक थिएम से हारे थे जो बाद में चैम्पियन बने।
अपने पिछले ग्रैंड स्लैम की तुलना में नागल अधिक आत्मविश्वास और शारीरिक रूप से फिट दिखाई दिए। उनके ग्राउंड स्ट्रोक अधिक सटीक और प्रभावी थे। यह प्रदर्शन यूएस ओपन 2020 में उनके खेल में एक महत्वपूर्ण सुधार को दिखाता है, जहां उन्होंने बेहतर तो किया था, लेकिन उसमें निरंतरता की कमी थी।
नागल की ऐतिहासिक जीत के लिए टेनिस जगत में तारीफों की बाढ़ आ गई है। पूर्व खिलाड़ियों और कमेंटेटरों ने उनके सामरिक कौशल की सराहना की है। भारतीय टेनिस के लिए उनकी जीत के महत्व को पहचानते हुए सोशल मीडिया प्रशंसकों और साथी एथलीटों के बधाई संदेशों से भरा हुआ है।
नागल का मुख्य ड्रॉ तक का सफर किसी जुझारू लड़ाई से कम नहीं था। उन्होंने क्वॉलीफाइंग के तीसरे दौर में स्लोवाकिया के एलेक्स मोलकन को हराकर वैश्विक मंच पर अपनी दृढ़ता और कौशल का प्रदर्शन करते हुए अपना स्थान सुरक्षित किया। मोलकन पर उनकी जीत, जो सीधे सेटों में 6-4, 6-4 से आई, ने उनके आत्मविश्वास को बुलंद कर दिया।
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