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इजराइल-हमास जंग के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत ने फिर दिखाया रास्ता

कंबोज ने कहा कि इस युद्ध के कारण  एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया है। यह साफ तौर से अस्वीकार्य है। हमने नागरिकों की मौत की कड़े शब्दों में निंदा की है। साथ ही, हम जानते हैं कि इसका तात्कालिक कारण 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकवादी हमले थे, जो चौंकाने वाले थे।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज। / @IndiaUNNewYork

इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के कारण बड़े पैमाने पर नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है। भारत ने बुधवार को इसकी कड़ी निंदा की और इसे 'खतरनाक मानवीय संकट' करार दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की एक बैठक को संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का एकमात्र तरीका 'संवाद और कूटनीति' है। 

कंबोज ने कहा कि इस युद्ध के कारण  एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया है। यह साफ तौर से अस्वीकार्य है। हमने नागरिकों की मौत की कड़े शब्दों में निंदा की है। साथ ही, हम जानते हैं कि इसका तात्कालिक कारण 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकवादी हमले थे, जो चौंकाने वाले थे। हमने इसकी पूरी तरह से निंदा की थी। कंबोज ने यूएनजीए बैठक के दौरान कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस का नजरिया रखता है।

उन्होंने कहा कि संघर्ष को बढ़ने से रोकना, मानवीय सहायता जारी रहे यह सुनिश्चित करना और शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की दिशा में काम करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।

कंबोज ने गाजा में जारी स्थिति को सामान्य बनाने के लिए भारत के निरंतर प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत का नेतृत्व क्षेत्र के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है। कंबोज ने बताया कि अब तक भारत ने गाजा को दो किश्तों में 16.5 टन दवा और चिकित्सा आपूर्ति सहित 70 टन मानवीय सहायता प्रदान की है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने हाल ही में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी को दिसंबर 2023 के अंत में प्रदान किए गए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर सहित 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी प्रदान किए हैं, जो एजेंसी के मुख्य कार्यक्रमों और सेवाओं का समर्थन करने के लिए जाएगा। इसमें फिलिस्तीनी शरणार्थियों को प्रदान की जाने वाली शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, राहत और सामाजिक सेवाएं शामिल हैं।

बता दें कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद शुरू हुआ था जिसमें करीब 1,200 इस्राइली मारे गए थे। तब से इजरायल लगातार गाजा पर हमला कर रहा है। इजलाइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि वे 'अंतरराष्ट्रीय दबाव' के बावजूद जीत हासिल होने तक अपना युद्ध जारी रखेंगे। हमास द्वारा संचालित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार युद्ध ने 23,210 लोगों की जान ले ली है। इसके अलावा कई घायल और विस्थापित हुए हैं। 

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