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राजदूत एरिक गार्सेटी ने इसलिए कहा, 10 साल बाद भी जीवंत लोकतंत्र बना रहेगा भारत

गार्सेटी ने 9 मई को वॉशिंगटन में विदेश संबंध परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आज की तरह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों के मामले में भी भारत एक जीवंत लोकतंत्र है। मुझे 100 प्रतिशत विश्वास है कि हम इस रिश्ते पर भरोसा कर सकते हैं। यह 21वीं सदी में अमेरिका और भारत के साथ परिभाषित संबंधों में से एक होने जा रहा है।

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने नौ मई को वॉशिंगटन में विदेश संबंध परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबेधित किया। / @ericgarcetti

भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारतीय आबादी के बीच अमेरिकियों की अपने देश की तुलना में बेहतर छवि है। वे हमें खुद से ज्यादा पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों के हिसाब से यह एक दुर्लभ घटना है। गार्सेटी नौ मई को वॉशिंगटन में विदेश संबंध परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि मैंने राजकीय यात्रा से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा था कि अमेरिका के मुकाबले भारत में अमेरिकियों से बेहतर मतदान होता है। वे हमें खुद से ज्यादा पसंद करते हैं। यह आज दुनिया में दुर्लभ है। गार्सेटी ने इस कार्यक्रम में चर्चा के दौरान कहा, पोलैंड एकमात्र अन्य राष्ट्र है जो इसके करीब आता है। गार्सेटी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत आज से 10 साल बाद भी जीवंत लोकतंत्र बना रहेगा।

उन्होंने कहा कि आज की तरह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों के मामले में भी भारत एक जीवंत लोकतंत्र है। मुझे 100 प्रतिशत विश्वास है कि हम इस रिश्ते पर भरोसा कर सकते हैं। यह 21वीं सदी में अमेरिका और भारत के साथ परिभाषित संबंधों में से एक होने जा रहा है। अमेरिकी राजदूत ने भारत में डिजिटल भुगतान (UPI) क्रांति और राष्ट्रीय पहचान संख्या पर स्वास्थ्य देखभाल रेकॉर्ड की मैपिंग की भी प्रशंसा की।

गार्सेटी ने कहा कि भारत के पास एक डिजिटल स्टैक है। यह एक आईडी, एक डिजिटल स्वास्थ्य पहचान और एक पेमेंट सिस्टम है। इसमें 140 बिलियन लेनदेन शामिल हैं। जिन लोगों के पास पूंजी तक पहुंच नहीं है, वे भी इसका उपयोग कर सकते हैं। इसकी वजह ये है कि भारत में मोबाइल की कीमत बहुत सस्ती हैं। हम जो अमेरिका में भुगतान करते हैं उससे 90% कम है।

गार्सेटी ने दुनिया पर भारत के सकारात्मक सांस्कृतिक प्रभाव के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का बहुत विश्वास है कि भारत का आप पर एक खिंचाव है। मैंने भारतीय संस्कृति और धर्म पर कक्षाएं लीं। उस नींव को बनाए रखने की क्षमता तब भी है, जब मैंने इसे 30 वर्षों तक इसका अभ्यास नहीं रखा। यह ऐसा है जैसे आप उन मूलभूत तत्वों को कभी नहीं खोते हैं।

बता दें कि पिछले महीने ही अमेरिकी राजदूत ने कहा था कि वे भाग्यशाली हैं कि वे भारत को अपना घर कहते हैं। उन्होंने कहा था कि यदि आप भविष्य देखना चाहते हैं, तो भारत आएं। यदि आप भविष्य को महसूस करना चाहते हैं, तो भारत आएं। यदि आप भविष्य पर काम करना चाहते हैं, तो भारत आएं। उन्होंने कहा था कि मुझे अमेरिकी मिशन के लीडर के रूप में हर एक दिन ऐसा करने में सक्षम होने का बड़ा सौभाग्य मिला है।

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