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यूक्रेन वॉर के बीच पुतिन से बोले पीएम मोदी, युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं

मोदी ने पुतिन से हिंदी में कहा कि जब मासूम बच्चों की हत्या होती है तो उन्हें मरते हुए देखकर दिल दुखता है और यह दर्द असहनीय होता है। मैं जानता हूं कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता।

पुतिन ने पीएम मोदी को क्रेमलिन में रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया। / X @MEAIndia

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शांति कायम करने का आग्रह करते हुए कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। 

फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से रूस की पहली यात्रा पर पहुंचे मोदी ने कहा कि उन्होंने पुतिन से कई मुद्दों पर बातचीत की। मुझे खुशी है कि यूक्रेन पर हम दोनों ने खुले तौर पर और विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए। 

मोदी ने पुतिन से हिंदी में कहा कि जब मासूम बच्चों की हत्या होती है तो उन्हें मरते हुए देखकर दिल दुखता है और यह दर्द असहनीय होता है। मैं जानता हूं कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता। बम, बंदूक और गोलियों के बीच कोई भी शांति वार्ता या समाधान सफल नहीं हो सकता। हमें बातचीत के जरिए शांति का रास्ता खोजने की जरूरत है।

पुतिन ने मोदी को सबसे जरूरी समस्याओं पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि आप यूक्रेन संकट को हल करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं, वह भी शांतिपूर्ण तरीके से। उधर, क्रेमलिन ने पुतिन ने भारत और रूस की पुरानी दोस्ती की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों के बीच अब विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी है।

रूस द्वारा यूक्रेन में बड़े पैमाने पर हमला करने के कुछ घंटों बाद सोमवार को पीएम मोदी मास्को पहुंचे थे। क्रेमलिन के अनुसार, सोमवार शाम पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति ने एक साथ कई घंटे बिताए। उनकी गले लगाते हुए तस्वीरें भी आईं। इस गर्मजोशी भरी मुलाकात की यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की निंदा की है।

अमेरिका ने सोमवार को मोदी से आग्रह किया था कि वह पुतिन से अपनी बातचीत में यूक्रेन संघर्ष का ऐसा समाधान निकालने का प्रयास करें जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो।

इससे पहले मोदी पिछली बार 2019 में रूस दौरे पर गए थे। रूस दौरे के बाद मोदी ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना जाएंगे। यह 1983 में इंदिरा गांधी के बाद किसी भारतीय नेता की पहली वियना यात्रा और मोदी का पहला दौरा है।

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