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बिहार के धर्मात्मा सरन ने सौंदर्य प्रतियोगिता को लेकर इस तरह से रचा इतिहास

बिहार के पटना के मूल निवासी और अमेरिका में रहने वाले धर्मात्मा सरन को नए टैलेंट के लिए रास्ता बनाने और एक ऐसा मंच प्रदान करने के लिए जाना जाता है जो भारतीय मूल्यों, परंपराओं और संस्कृति को आत्मसात करता है।

मुंबई में आयोजित इस सौंदर्य प्रतियोगिता में धर्मात्मा सरन मौजूदा विजेता मोनिका गिल और अन्य प्रतिभागियों के साथ हैं। / worldwidepaegants.com

सौंदर्य की आकर्षक दुनिया में एक नाम जो बार-बार गूंजता है वह है धर्मात्मा सरन का। उन्हें नए टैलेंट के लिए रास्ता बनाने और एक ऐसा मंच प्रदान करने के लिए जाना जाता है जो भारतीय मूल्यों, परंपराओं और संस्कृति को आत्मसात करता है। सरन मीडिया, मनोरंजन और कला की दुनिया के अग्रणी हैं। उन्होंने कुछ समय के लिए रियल एस्टेट और बीमा क्षेत्र में भी काम किया है।

बिहार के पटना के मूल निवासी धर्मात्मा सरन पहली बार 1971 में NYC पहुंचे। इसके बाद धीरे-धीरे एक छोटे और घनिष्ठ भारतीय समुदाय में अपना स्थान बना लिया। सरन कहते हैं, 'एक शहर में एक नया जीवन शुरू करना जो कभी नहीं सोता, मेरे लिए मुश्किल था। उस समय, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी में मुश्किल से 10,000-15,000 भारतीय थे।

सरन कहते हैं कि उस वक्त अगर आप ट्रेन में किसी और भारतीय को देखते थे, तो बातचीत शुरू करना और फोन नंबर का आदान-प्रदान करना काफी स्वाभाविक था। आज, संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय आबादी काफी बढ़ गई है। लगभग 6 मिलियन तक पहुंच गई है। अकेले न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी क्षेत्र में, भारतीय मूल के लगभग 2 मिलियन लोग हैं।

साल 1974 में सरन और उनके सहयोगियों ने प्रसिद्ध सेंट्रल पार्क में हो रहे एक स्थानीय भारतीय त्योहार में भारतीय फैशन शो पेश किए और लोगों में जबरदस्त उत्साह देखकर दंग रह गए। इसने उन्हें इसके बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया। इसलिए, मिस इंडिया यूएसए आयोजित करने का विचार जीवन में आया।

धर्मात्मा की पत्नी नीलम शरण मिस इंडिया वर्ल्डवाइड 2016 की विजेता को को 8000 अमेरिकी डॉलर का नकद पुरस्कार दे रही हैं। / Courtesy of Dharmatma Saran

कौन जानता था कि 1980 में मैनहट्टन के एयर इंडिया कार्यालय के तहखाने में उन्होंने जो विचार किया था, वह आज मिस इंडिया वर्ल्डवाइड सौंदर्य प्रतियोगिता के रूप में विकसित होगा। यह आज 40 से अधिक देशों में लाखों दिलों को मोह रहा है। उस समय, कोई अंतरराष्ट्रीय भारतीय पेजेंट नहीं थे, जिससे उत्साह और भी बढ़ गया। आज भले ही सौंदर्य प्रतियोगिता ने असाधारण रूप से अच्छा किया है। भारतीय प्रतिभा का रास्ता खोलकर उसकी स्थिति और आकर्षण को वैश्विक स्तर पर उठाया। लेकिन सरन यह स्वीकार करने से पीछे नहीं हटते कि यह एक बहुत कठिन यात्रा थी।

उन्होंने कहा कि 'शुरू में हमने इस पहल को लॉन्च करने के लिए विभिन्न राज्यों के दोस्तों और संगठनों से संपर्क किया। उस दौर में ईमेल या सोशल मीडिया के बिना किसी घटना को कवर करने के लिए मीडिया हाउस से संपर्क करना एक बड़ा झंझट था। लेकिन किसी तरह हमें एक रास्ता मिला। इंडिया टुडे मैगजीन ने हमारे कार्यक्रम को कवर करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की तस्वीरें उनके ताज के साथ राज्याभिषेक से कुछ दिन पहले लेने के लिए एक फोटोग्राफर भेजा। फिर तस्वीरें तेजी से भारत भेजी गईं, जिससे मैगजीन कार्यक्रम के बाद विजेता की घोषणा कर सकी और उसकी कहानी और तस्वीर अपने अगले अंक में प्रकाशित कर सकी।'

सरन ने एक और चुनौती की ओर इशारा किया जो प्रतियोगियों के लिए अमेरिकी वीजा हासिल करना था। उन्हें विभिन्न देशों में अमेरिकी दूतावासों के साथ गहराई से संपर्क करना पड़ा, जरूरी दस्तावेज प्रदान करने पड़े और पूरी प्रक्रिया के दौरान प्रतिभागियों का समर्थन करना पड़ा। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि सारी मेहनत के साथ इस मंच ने बहुत जल्दी ध्यान आकर्षित किया, जिससे कई देशों ने सरन के साथ सहयोग किया और मिस इंडिया वर्ल्डवाइड की मेजबानी की।

सरन ने बताया कि 34 साल हो गए जब हमने कोविड के दौरान छोड़कर हर साल सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन किया है। 1990 में पहली प्रतियोगिता में 12 देशों की प्रतिभागी शामिल थीं। वर्तमान में यह 35 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। अब तक सौंदर्य प्रतियोगिता का आयोजन विभिन्न देशों में किया गया है। इनमें दक्षिण अफ्रीका, भारत, सिंगापुर, यूएई, सुरिनाम, मलेशिया शामिल हैं।
सरन बताते हैं कि आज मिस इंडिया वर्ल्डवाइड को 'दुनिया का सबसे ग्लैमरस भारतीय कार्यक्रम' माना जाता है। वह इस बात पर जोर देते हैं कि एकमात्र अंतरराष्ट्रीय भारतीय सौंदर्य प्रतियोगिता होने के नाते यह दुनिया के किसी भी अन्य मुख्यधारा के सौंदर्य मंच से कम नहीं है।

इसमें भाग लेने से प्रतियोगियों को तमाम अवसर मिलते हैं। विजेता को 8,000 डॉलर नकद और पांच देशों की पूरी यात्रा मिलती है, जो एक अद्वितीय पुरस्कार है। इसकी प्रक्रिया काफी सरल है। प्रतियोगियों को भारतीय मूल का होना चाहिए। उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए और उनके पास उस देश की नागरिकता और निवास होना चाहिए जिसका वे प्रतिनिधित्व करती हैं। सौंदर्य प्रतियोगिता में चार खंड हैं - भारतीय पारंपरिक, इवनिंग गाउन, टैलेंट और अंतिम प्रश्न। इसके अलावा एक अतिरिक्त राउंड भी है जहां प्रतियोगी को विशेषज्ञों द्वारा चुनाव के आधार पर मिस फोटोजेनिक और मिस ब्यूटीफुल स्माइल का खिताब हासिल करने का मौका मिलता है। दुनिया भर के राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता के विजेता मिस इंडिया वर्ल्डवाइड के प्रतिष्ठित खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं।

उन्होंने बताया कि सौंदर्य प्रतियोगिता आमतौर पर एक हफ्ते तक चलता है। सभी प्रतियोगियों को एक पेशेवर रैंप ट्रेनर और बॉलीवुड कोरियोग्राफर की देखरेख में कठोर प्रशिक्षण दिया जाता है। विजेता का चयन करने के लिए एक ज्यूरी (जिसमें भारतीय फिल्म उद्योग या अन्य प्रमुख क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं) का गठन किया जाता है। हम हर साल नए ज्यूरी सदस्य रखने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा हम एक अंतरराष्ट्रीय पैनल सुनिश्चित करने के लिए दुनिया भर से जज भी आमंत्रित करते हैं।

मिस इंडिया वर्ल्डवाइड की प्रेरणादायक यात्रा, जो बहुत से लोगों के लिए आशा की किरण का काम करती है, ने अपने ख्याति के मंदिर में कई प्रमुख हस्तियों को देखा है। इनमें वकील, एक्टर शिवानी वाजिर पसरिच, चैनल V VJ रूबी भाटिया, कमल सिंधू, बेला बजरिया, अभिनेत्रियां आर्ती छाब्रिया, कुब्रा सैत, पल्लवी शारदा, ऋचा गंगोपाध्याय, मोनिका गिल और बहुत से अन्य शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि समय के साथ हमने अपनी पेशकशों का विस्तार किया है। इनमें मिसेज इंडिया वर्ल्डवाइड और मिस टीन इंडिया वर्ल्डवाइड शामिल हैं। दोनों मिस इंडिया वर्ल्डवाइड के साथ-साथ चलते हैं। हमारा लक्ष्य आने वाले वर्षों में 50 देशों में विस्तार करना है। इस जुनून का उनके परिवार, पत्नी, नीलम और दो बेटियां- नीमा और अंकता का पूरा सपोर्ट हासिल है।

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