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टेनसी यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल की पहली पीढ़ी की छात्रा लिसा पटेल बनीं स्टूडेंट ट्रस्टी

टेनसी यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में स्टूडेंट ट्रस्टी के तौर पर लिसा पटेल की नियुक्ति उनकी लगातार कोशिशों का नतीजा है। कुकविले में व्यापार करने वाले भारतीय प्रवासी माता-पिता की बेटी लिसा का कहना है कि उनके परिवार के अनुभवों ने उनका नजरिया विकसित किया है।

टेनसी यूनिवर्सिटी, नॉक्सविले में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही हैं लिसा पटेल। / Image- tickle.utk.edu

टेनसी यूनिवर्सिटी, नॉक्सविले (University of Tennessee, Knoxville) में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही लिसा पटेल को 2024-25 के लिए यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में स्टूडेंट ट्रस्टी चुना गया है। लिसा पहली पीढ़ी की कॉलेज स्टूडेंट हैं। अब वो पूरे यूनिवर्सिटी सिस्टम में छात्रों की बात रखेंगी और उनसे जुड़ी रहेंगी। 

लिसा पटेल ने कहा, 'मैं खुद ही आगे बढ़कर कैंपस में छात्रों से मिल रही हूं। उनकी बातें सुन रही हूं और समझ रही हूं कि क्या चल रहा है।' वह आगे कहती हैं, 'हालांकि मैं स्टूडेंट रेप्रेजेटेटिव हूं, लेकिन मुझे सिर्फ इंजीनियरिंग और उसमें भी सिर्फ एक हिस्से की जानकारी है। इसलिए मुझे लगता है कि मेरी जिम्मेदारी है कि मैं बाकी छात्रों की मुश्किलें और उनकी समस्याएं समझूं।'

अपने बोर्ड के अनुभव के बारे में बात करते हुए लिसा ने बताया कि बोर्ड के मेंबर्स उनकी बातों को गंभीरता से सुनते हैं। वो कहती हैं, 'मेरी आवाज सुनी जा रही है। मैंने बोर्ड के मेंबर्स के साथ प्रेजेंटेशन की सामग्री पर खूब बात की है। वो हमेशा मेरी बात को समझने और स्वीकार करने को तैयार रहे हैं।'

पहली पीढ़ी की कॉलेज स्टूडेंट और भारतीय जड़ें :

लिसा पहली पीढ़ी की कॉलेज स्टूडेंट हैं और उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं। अपनी इस नियुक्ति के साथ लिसा ने वो लड़ाई जारी रखी है जो उन्होंने हाई स्कूल में शुरू की थी। उस समय उन्होंने अपने स्कूल बोर्ड के इंटरनेशनल बैकालोरेट प्रोग्राम को खत्म करने के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई थी।

टेनसी के कुकविले में व्यापार करने वाले भारतीय मूल के माता-पिता की बेटी लिसा का कहना है कि उनके परिवार के अनुभवों ने उनका नजरिया बनाया है।

लिसा कहती हैं, 'मेरे माता-पिता भारत से खाली हाथ आए थे और तब से लगातार मेहनत कर रहे हैं। वो मेरे लिए बहुत प्रेरणा हैं। हालांकि मुझे उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती जितनी उन्होंने की है, फिर भी मेरी कोशिश है कि मैं भी उनके जैसे ही मेहनती बनूं और अपनी सफलता खुद कमाऊं।'

लिसा कहती हैं, 'एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा जब मैं अपने पास मौजूद चीजों के लिए शुक्रगुजार न रही हूं। एक अलग संस्कृति और अपने अंदर का वो अलग हिस्सा मुझे दुनिया को और अपने काम को अलग नजरिये से देखने में मदद करता है।'

लिसा ने अपनी पढ़ाई के लिए UT नॉक्सविले को इसलिए चुना क्योंकि यहां का शैक्षणिक रुतबा बहुत अच्छा है। उन्हें लीडरशिप और एडवोकेसी में भी बहुत दिलचस्पी है। उन्हें बोर्ड मेंबर जेमी वुडसन से प्रेरणा मिली है, जो पहले विधायक और एजुकेशन एडवोकेट रह चुकी हैं। लिसा भी भविष्य में ऐसा ही काम करना चाहती हैं।

लिसा की बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में दिलचस्पी उनके निजी अनुभवों से आई है। उन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को डिमेंशिया से जूझते हुए देखा था। वो कहती हैं, 'ये देखकर हमारा पूरा परिवार बहुत डर गया था। इससे मुझे अपने शरीर के काम करने के तरीके और टेक्नोलॉजी के साथ हमारे शरीर के मिलन में बहुत दिलचस्पी हुई।'

पढ़ाई के अलावा, लिसा को संगीत से बहुत लगाव है। वह बांसुरी बजाती हैं और गिटार और पियानो सीख रही हैं। वह कहती हैं, 'कॉलेज में मेरे सबसे अच्छे पल तब होते हैं जब मैं और मेरे दोस्त साथ मिलकर संगीत बजाते हैं।' लिसा हसलम लीडरशिप स्कॉलर्स 2022 कोहॉर्ट का हिस्सा हैं और उनके 2026 में ग्रेजुएशन करने की उम्मीद है।

 

 

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