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लीसेस्टर ईस्ट से ऐतिहासिक जीत के बाद गुजराती शिवानी राजा ने भगवद् गीता लेकर शपथ ली

शिवानी राजा भारत के राजकोट और केन्याई मूल के परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह लीसेस्टर में जन्मी और वहीं पली-बढ़ी हैं। इन दिनों वह संपत्ति निर्माण और आतिथ्य पर केंद्रित अपने परिवारिक व्यवसाय में योगदान दे रही हैं।

शिवानी राजा की जीत को लेबर पार्टी के नेता के खिलाफ असंतोष का नतीजा माना जा रहा है। / Image - Shivani Raja

गुजराती मूल की 29 वर्षीय कारोबारी शिवानी राजा ने ब्रिटेन के हालिया चुनावों में लीसेस्टर ईस्ट से ऐतिहासिक जीत हासिल की है। उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर अपने प्रतिद्वंदी लेबर पार्टी के प्रत्याशी और लंदन के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल को हराया है। शिवानी ने भगवद गीता हाथ में लेकर शपथ ली।

शिवानी की इस जीत से लीसेस्टर ईस्ट में लेबर पार्टी का 37 साल का कार्यकाल खत्म हो गया है। यह एक उल्लेखनीय राजनीतिक बदलाव का प्रतीक है। शिवानी ने एक्स पर एक पोस्ट में शपथ ग्रहण समारोह का वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए संसद में शपथ लेना सम्मान की बात है।



शिवानी राजा की इस जीत को पूर्व सांसद के प्रति स्थानीय असंतोष का नतीजा माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों का नेताओं पर से विश्वास उठ गया था क्योंकि निवर्तमान सांसद जरूरत के वक्त लोगों की मदद के लिए खड़े नहीं हुए। उनके अभियान ने हाशिए पर पड़े मतदाताओं की दुखती रग को छेड़ दिया था, खासकर 2022 के लीसेस्टर दंगों की पीड़ित उनसे काफी खफा थे। 

शिवानी राजा भारत के राजकोट और केन्याई मूल के परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह लीसेस्टर में जन्मी और वहीं पली-बढ़ी हैं। इन दिनों वह संपत्ति निर्माण और आतिथ्य पर केंद्रित अपने परिवारिक व्यवसाय में योगदान दे रही हैं।

शिवानी राजा की जीत ब्रिटेन के राजनीतिक माहौल के भीतर उथल पुथल को दर्शाती है। यही कारण रहा कि इन चुनावों ने मतदाताओं की प्राथमिकताओं और सामुदायिक भागीदारी में व्यापक बदलाव देखा गया है। 

ब्रिटेन के हालिया आम चुनावों में कीर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में 412 सीटें हासिल करते हुए शानदार जीत हासिल की है। इस चुनाव में कई और ऐतिहासिक उपलब्धियां रही। इनमें सबसे अधिक महिलाएं (263) और अश्वेत सांसद (90) संसद के लिए चुने गए हैं। 

उधर, ऋषि सुनक के नेतृत्व में कंजर्वेटिव पार्टी को बड़ा झटका लगा है, वह केवल 121 सीटें ही जीत सकी है। लेबर पार्टी की जीत के बाद कीर स्टार्मर ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री का पद ग्रहण कर लिया है। 
 

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