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भारतीय मूल के वैज्ञानिक रामकृष्णा पोडिला बने रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के फेलो

पोडिला का शोध भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और मैटेरियल साइंस तक फैला हुआ है। यह ऊर्जा रूपांतरण, नैनो-बायो इंटरफेस और फोटोनिक्स पर केंद्रित है। वह वर्तमान में क्वांटम मेकेनिक्स और क्वांटम जीव विज्ञान में नए क्षेत्रों की खोज कर रहे हैं।

एसोसिएट प्रोफेसर रामकृष्णा पोडिला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की से फिजिक्स में मास्टर हैं। / Clemson News

अमेरिका स्थित क्लेम्सन यूनिवर्सिटी (Clemson University) के एसोसिएट प्रोफेसर रामकृष्णा पोडिला को इस क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदानों को पहचानते हुए रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री का फेलो नामित किया गया है। ब्रिटेन में स्थित रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री एक वैश्विक पेशेवर निकाय है। इसके 50,000 से अधिक सदस्य हैं। फेलो का पद उन लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने मैटेरियल केमेस्ट्री और फिजिस्क जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रगति की है।

पोडिला का शोध बहुविषयक है। यह भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और मैटेरियल साइंस तक फैला हुआ है। उनका शोध ऊर्जा रूपांतरण, नैनो-बायो इंटरफेस और फोटोनिक्स पर केंद्रित है। वह वर्तमान में क्वांटम मेकेनिक्स और क्वांटम जीव विज्ञान में नए क्षेत्रों की खोज कर रहे हैं। उनके काम को NASA, नेशनल साइंस फाउंडेशन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ जैसे प्रमुख संगठनों का समर्थन प्राप्त है।

रामकृष्णा पोडिला ने कहा, रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के फेलो के रूप में शामिल होने पर मुझे बहुत सम्मानित किया गया है। यह मान्यता मेरे छात्रों, सहयोगियों और संरक्षकों की कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। मैं नैनोमटेरियल्स समुदाय में योगदान करने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं।'

100 से अधिक प्रकाशनों और दो अमेरिकी पेटेंट के साथ पोडिला के शोध को व्यापक मान्यता प्राप्त हुई है। इनमें वेब ऑफ साइंस द्वारा शीर्ष 1 प्रतिशत में लिस्टेड एक सामग्री रसायन विज्ञान लेख भी शामिल है। पोडिला ने 2011 में क्लेम्सन से अपनी पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 2007 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की से फिजिक्स में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की।

 

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