ब्रिटेन के हाई कोर्ट में अपने हालिया फैसले में उत्तर पश्चिम लंदन के माइकेला कम्युनिटी स्कूल में नमाज पर रोक के आदेश को बरकरार रखा है। कोर्ट के इस फैसले की भारतीय मूल की स्कूल प्रिंसिपल कैथरीन बीरबलसिंह ने तारीख की है।
स्कूल की एक मुस्लिम छात्रा की तरफ से नमाज पर रोक के स्कूल के आदेश को अदालत में चुनौती दी गई थी। उसका कहना था कि ये नीति भेदभावपूर्ण है और यह उसकी आस्था को प्रभावित करती है।
My statement regarding the verdict on our ban of prayer rituals at Michaela. pic.twitter.com/88UMC5UYXq
— Katharine Birbalsingh (@Miss_Snuffy) April 16, 2024
जस्टिस थॉमस लिंडेन की अदालत ने छात्रा के तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि जब उसने स्कूल में दाखिला लिया था, तब उसने अपनी आस्था प्रकट करने पर रोक के नियमों के प्रति सहमति दी थी। जस्टिस लिंडेन का कहना था कि प्रार्थना नीति में कुछ गलत नहीं है और इसका उद्देश्य स्कूल में मुस्लिम विद्यार्थियों के अधिकारों पर रोक नहीं है।
अदालती फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रिंसिपल कैथरीन बीरबल सिंह ने कहा कि किसी भी स्कूल को वह हर कदम उठाने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए जो उसके विद्यार्थियों के लिए सही हैं। संस्थानों को एक छात्र और उसके अभिभावक की प्राथमिकताओं के आधार पर अपना नजरिया बदलने पर मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
I have always been clear that headteachers are best placed to make decisions in their school.
— Gillian Keegan MP (@GillianKeegan) April 16, 2024
Michaela is an outstanding school, and I hope this judgement gives all school leaders the confidence to make the right decisions for their pupils.
एजुकेशन सेक्रेटरी गिलियन कीगन ने बीरबल सिंह के बयान के अनुरूप कहा कि हेड टीचर अपने स्कूलों के अंदर निर्णय लेने की आजादी होनी चाहिए।
माइकेला एक उत्कृष्ट संस्थान है और आशा है कि अदालत का यह फैसला पूरे देश में स्कूलों को अपने विद्यार्थियों के सर्वोत्तम हितों को प्राथमिकता देने के लिए सशक्त करेगा।
बता दें कि लंदन हाईकोर्ट ने स्कूल में अलग अलग धर्मों की प्रार्थना पर रोक की नीति, मानवाधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन (ईसीएचआर) के अनुच्छेद 9 और समानता अधिनियम 2010 की धारा 19 के खिलाफ नहीं है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login