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ट्रम्प पर हमले के बाद भारतवंशी सांसद ने ट्रूडो को किया आगाह, खालिस्तानी समर्थन पर दी नसीहत

चंद्र आर्य ने एक्स पर लिखा कि पेंसिल्वेनिया के बटलर में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या का प्रयास खालिस्तानी समर्थकों की तरफदारी करने वाले कनाडाई नेताओं के लिए एक सख्त चेतावनी की तरह है।

चंद्र आर्य कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के ही सांसद हैं। / X @AryaCanada

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ऊपर हुए जानलेवा हमले के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पार्टी के ही एक भारतवंशी सांसद ने देश में पनप रहे खालिस्तानी खतरे को लेकर आगाह किया है। लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने ट्रूडो सरकार को तीन सलाह दी हैं। 

चंद्र आर्य ने एक्स पर लिखा कि पेंसिल्वेनिया के बटलर में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या का प्रयास खालिस्तानी समर्थकों की तरफदारी करने वाले कनाडाई नेताओं के लिए एक सख्त चेतावनी की तरह है। उन्होंने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का सार्वजनिक जश्न मनाने की घटनाओं का भी जिक्र किया।
 



सांसद चंद्र आर्य ने एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति ट्रम्प की हत्या का प्रयास कनाडा के नेताओं के लिए एक कड़ा रिमाइंडर होना चाहिए: पहला, खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या का सार्वजनिक उत्सव मनाए जाने की निंदा करें। 

उन्होंने आगे लिखा कि दूसरा, ऐसी रैलियों, कार्यक्रमों और जगहों पर जाना बंद करें जहां कनाडा के इतिहास की सबसे बड़ी आतंकी घटना एयर इंडिया विमान हमले की खुशी मनाई जाती है और इस हमले के लिए जिम्मेदार खालिस्तानी आतंकियों का महिमामंडन किया जाता है। तीसरी, हिंदू-कनाडाई लोगों को निशाना बनाने वाले खालिस्तानियों की आलोचना की जानी चाहिए। 

चंद्र आर्य ओंटारियो के नेपियन से लिबरल पार्टी के सांसद हैं। उनका यह बयान ग्रेटर टोरंटो एरिया के ब्रैम्पटन में पिछले महीने निकाली गई परेड के मद्देनजर आया है। इस परेड में इंदिरा गांधी की अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या करने की झांकी दिखाई गई थी। यह परेड ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40वीं वर्षगांठ पर निकाली गई थी। 

वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने भी इंदिरा गांधी की हत्या की तस्वीरों को लेकर प्रदर्शन किया गया था। बाद में, कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने कहा था कि कनाडा में हिंसा को बढ़ावा देना कभी स्वीकार्य नहीं है। हालांकि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने अभी तक इंदिरा गांधी की हत्या के महिमामंडन की आलोचना नहीं की है। 

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