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परेशानी हुई तो एक आइडिया ने बदल दी भारतीय मूल की अमेरिकी महिला की जिंदगी

रितु नारायण इस समय बच्चों के लिए ऑन-डिमांड सवारी वाली कंपनी ZUM की संस्थापक सीईओ हैं। ZUM कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, टेक्सास, इलिनोइस, टेनेसी और मैरीलैंड में 4,000 से अधिक निजी और पब्लिक स्कूलों की सेवा करते हुए 1.5 बिलियन डाॅलर से अधिक मूल्य का कारोबार बन चुका है।

2015 में रितु नारायण ने अपनी नौकरी छोड़ने और एक स्टार्टअप ZUM शुरू किया था। / @ Jamie_Davies

अमेरिका में कैलिफोर्निया के बे एरिया में रहने वाली 50 साल की एक कामकाजी मां रितु नारायण को परेशानी तब होती थी जब जब उनके बच्चे की स्कूल बस समय पर नहीं पहुंचती थी। ऐसे में उन्हें बच्चे को छोड़ने या लाने के लिए स्कूल जाना पड़ता था। इसका असर उनके काम पर पड़ता था। ऐसी स्थिति में भारत में उन्हें अपनी मां का त्याग याद आया। और इस तरह उनके मन में एक आइडिया ने जन्म लिया, जो आज अरबों रुपये का कारोबार बन गया है। रितु नारायण इस समय बच्चों के लिए ऑन-डिमांड सवारी और देखभाल करने वाली कंपनी ZUM की संस्थापक सीईओ हैं।

दरअसल, अपनी समस्या को देखते हुए रितु के दिमाग में आया कि बच्चों को ले जाने के लिए ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसे लेकर पेरेंट्स निश्चिंत हो जाएं। इसके बाद 2015 में रितु नारायण ने अपनी नौकरी छोड़ने और एक स्टार्टअप ZUM शुरू करने का निर्णय लिया। ZUM एक एआई-समर्थित इलेक्ट्रिक स्कूल बस सेवा है। यह राइड एंड केयर कंपनी कामकाजी अमेरिकी पैरेंट्स के स्कूली बच्चों को सुरक्षित और सस्ती परिवहन सेवा की सुविधा देती है।

शुरुआत में Zum ने एक सेल्फ फंडेड उबर के रूप में काम किया। जो कामकाजी पैरेंट्स के लिए बेहतर सर्विस साबित हुई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाद में इसे इनोवेटिव ऐप के माध्यम से माता-पिता को पहले से यात्रा बुक करने और रियल टाइम में अपने बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने की सुविधा मिलने लगी। फोर्ब्स मैगजीन के अनुसार नारायण बचपन से एस्ट्रोनॉट बनना चाहती थीं। हालांकि बाद वो अमेरिका आ गईं और वो परिवार में पहली इंजीनियर थीं।

रितु का कहना है कि मुझे पता था कि ZUM कामकाजी माता-पिता के जीवन को बदल सकता है। कामकाजी महिलाएं हमें बताती हैं कि यह सर्विस उनके लिए करियर में आगे बढ़ने में कैसे मददगार साबित हुईं। महिलाएं बताती हैं कि वे नौकरी पर वापस गईं और काम पर ज्यादा फोकस करने की वजह से उन्हें कामयाबी मिली, प्रमोशन मिला। क्योंकि अब उन्हें अपने बच्चों को लेने के लिए शाम 4 बजे दौड़ना नहीं पड़ रहा है। अब बच्चों को स्कूल छोड़ने या वापस लाने का कोई टेंशन नहीं है।

अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए नारायण ने स्थानीय स्कूलों से संपर्क करना शुरू किया कि वे पैरेंट्स से अनुरोध इस सर्विस को अपनाने के लिए अनुरोध करें। हालांकि, स्कूलों ने ZUM को इलेक्ट्रिक वाहनों और ट्रैकिंग क्षमताओं के साथ एक प्राइवेटाइज्ड स्कूल बस बेड़े के रूप में लिस्ट किया। नतीजतन, उन्होंने स्थापित बस सेवाओं के साथ मुकाबला करने के लिए एक बड़े कस्टमर सर्विस के तौर पर ZUM को नया रूप देना शुरू किया।

2020 में ऑकलैंड यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट के साथ पांच साल के लिए 53 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद उनके स्टार्टअप को गति मिली। नारायण का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान पांच और छह महीने के लिए काम ठप हो गया। ऐसे में हमने उस समय का उपयोग अपने प्रॉडक्ट को बहुत तेजी से बढ़ाने के लिए किया।

रितु का कहना है कि आज ZUM कैलिफोर्निया, वाशिंगटन, टेक्सास, इलिनोइस, टेनेसी और मैरीलैंड में 4,000 से अधिक निजी और पब्लिक स्कूलों की सेवा करते हुए 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य का कारोबार बन चुका है। रितु दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में स्नातक होने के साथ ही ईबे, याहू, ओरेकल और आईबीएम जैसी कंपनियों में लगभग 15 साल तक काम कर चुकी हैं।

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