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मुफ्त में नौकरी की सलाह देकर घिरीं ये भारतवंशी एग्जिक्यूटिव, लोगों ने बायकॉट की मांग कर दी

भारतीय मूल की किंजल माथुर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए नई पीढ़ी के युवाओं से कहा कि अगर उन्हें मुफ्त में काम करना पड़े तो भी उन्हें हिचकना नहीं चाहिए।

किंजल माथुर Squarespace में भारतीय मूल की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर हैं। / Image - X @squarespace


नौकरी में काम के घंटों को लेकर जारी बहस के बीच Squarespace कंपनी में भारतीय मूल की चीफ मार्केटिंग ऑफिसर के बयान पर विवाद हो गया है। 

किंजल माथुर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए नई पीढ़ी के युवाओं से कहा है कि अगर उन्हें मुफ्त में काम करना पड़े तो भी उन्हें हिचकना नहीं चाहिए। इस पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी कंपनी का बायकॉट करने तक की मांग कर दी है। 

किंजल ने फॉर्च्यून के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि शुरुआती दिनों में मुफ्त में काम करने के लिए भी तैयार रहती थी। मैं काम के घंटे नहीं गिनती थी। जितना समय वो चाहते थे, मैं काम करती थी। यहां तक कि शाम के समय और वीकेंड पर भी काम करती थी। 

उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी के युवाओं को भी हर काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। चाहे कितने भी समय काम करना पड़े, कितनी भी सैलरी मिले, किसी भी टाइप की जॉब हो, आपको हर काम के लिए ओपन रहना चाहिए। 

न्यूयॉर्क में रहने वाली किंजल को पहली नौकरी दो दशक पहले मिली थी। वे अनजान कंपनियों में जाती थीं और मुफ्त में काम करने की इच्छा प्रकट करती थीं। उनके पास फाइनेंस की डिग्री थी। इस तरह उन्होंने अपनी शुरुआत की। 

उन्होंने कहा कि हर गर्मियों में मैं इंटर्नशिप खोजा करती थी। मैं बस अनुभव लेना चाहती थी। अपने करियर के शुरुआती दिनों में आपको यही करना चाहिए। किंजल का यह तरीका कारगर रहा। 

किंजल ने बताया कि उन्हें पहली इंटर्नशिप ट्रैवल कंपनी ट्रैवलोसिटी में मिली। उस समय वह टेक्सास यूनिवर्सिटी में पढाई कर रही थीं। उसके बाद उन्होंने Conde Nast, Saks Fifth Avenue और Foursquare में काम किया। उसके बाद Squarespace में चीफ मार्केटिंग ऑफिसर बनीं। हालांकि अब 20 साल बाद दुनिया काफी बदल गई है। आजकल के युवा मुफ्त में काम करना पसंद नहीं करते हैं। यही वजह है कि किंजल के सुझाव पर सोशल मीडिया पर आलोचना शुरू हो गई है। एक्स पर कुछ यूजर्स ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें मुफ्त में कर्मचारियों का शोषण करने के बजाय पॉजिटिव चेंज लाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करना चाहिए।



कुछ यूजर्स ने तो किंजल की कंपनी का बायकॉट करने तक की बात कह दी। 



आंत्रप्रेन्योर गैरी क्लूइट ने कहा कि किसी को भी मुफ्त में काम नहीं करना चाहिए। मैं हमेशा इस बात पर जोर देता हूं कि इंटर्न को भी कम से कम उतनी सैलरी दी जानी चाहिए जिससे वह अपनी गुजर बसर कर सकें। जबकि कुछ कंपनियां तो इंटर्न्स को देती कुछ नहीं बल्कि अपनी पोजिशन का फायदा उठाने के लिए उलटे उनसे रकम भी वसूलती हैं। 

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