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भारतवंशी प्रोफेसर बना रहे अनोखे चिप, जो इंसानी नर्वस सिस्टम की तरह करेंगे काम

श्रेयस सेन का शोध कस्टम डिज़ाइन चिप्स के जरिए पहनने योग्य उपकरणों में इन एआई क्षमताओं को लाने पर केंद्रित है

श्रेयस सेन पर्ड्यू विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। / Image- Purdue University

पर्ड्यू विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर, श्रेयस सेन एनर्जी ऐसी एफिशिएंट चिप डिजाइन कर रहे हैं जो वियरेबल तकनीक को नई ऊंचाई तक पहुंचा देगी। इनकी मदद से एआई टूल्स इंटरनेट के बिना भी कार्य कर सकेंगे। 

इंसानी नर्वस सिस्टम से प्रेरित सेन के चिप्स का उद्देश्य एआई को क्लाउड कंप्यूटिंग और बिजली पर निर्भरता जैसी सीमाओं से परे ले जाना है। इस वक्त स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच आदि में उपयोग किए जाने वाले एआई एल्गोरिदम को आमतौर पर डेटा सेंटरों में प्रोसेस किया जाता है जिसके लिए लगातार इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है।

सेन का शोध कस्टम डिज़ाइन चिप्स के जरिए पहनने योग्य उपकरणों में इन एआई क्षमताओं को लाने पर केंद्रित है जो इंसानी मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की शरीर में सूचना को प्रसारित करने के सिस्टम की तरह काम करती हैं।

सेन की टीम ने ऐसे चिप्स विकसित किए हैं जो लो फ्रीक्वेंसी सिग्नल का उपयोग करते हैं। इससे ब्लूटूथ जैसी मौजूदा तकनीकों की तुलना में तेजी से डेटा ट्रांसमिशन होता है, लेकिन ऊर्जा की खपत बहुत कम होती है। इससे उपकरणों को लगातार चार्ज करने और इंटरनेट पर निर्भरता जैसी जरूरतें कम हो सकती हैं।

सेन के कार्यों ने आईईईई इंटरनेशनल सॉलिड स्टेट सर्किट कॉन्फ्रेंस (आईएसएससीसी) में काफी लोगों का ध्यान आकर्षित किया, जहां उनकी लैब के डिजाइन अक्सर पेश किए जाते रहते हैं।

2020 में सेन ने अपने चिप डिजाइनों के लिए Ixana स्टार्टअप की स्थापना की थी। कंपनी को Wi-R चिप को पहनने योग्य एआई को ट्रांसफॉर्म करने की क्षमता के लिए सीईएस में भी मान्यता मिल चुकी है। सेन के शोध को पर्ड्यू विश्वविद्यालय की कंप्यूटिंग पहल का समर्थन हासिल है।

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