कैलिफोर्निया में टेस्ला कार चलाने के दौरान अपनी पत्नी और बच्चों की जिंदगी खतरे में डालने का आरोप भारतीय मूल के डॉक्टर धर्मेश पटेल पर लगा था। मामले में मनोचिकित्सकों का कहना है कि धर्मेश किसी मानसिक परेशानी से जूझ रहे थे, जिसकी वजह से उन्होंने ये खौफनाक कदम उठाया। डॉक्टर मार्क पैटरसन का कहना है कि धर्मेश को 'साइकोसिस' नामक मानसिक रोग था, जिसके चलते उन्हें लगता था कि कोई उनके पीछे आ रहा है।
दो मनोचिकित्सकों ने बुधवार (24 अप्रैल) को पासाडेना रेडियोलॉजिस्ट डॉ धर्मेश पटेल के मामले में गवाही दी। धर्मेश फिलहाल में जेल में बंद हैं और उन पर हत्या के प्रयास के तीन मामलों का आरोप लगाया गया है। बताया गया है कि जनवरी 2023 में घटना के वक्त डॉक्टर धर्मेश पटेल अपने परिवार के साथ टेस्ला कार में सफर कर रहे थे। अचानक वो गाड़ी को तेज रफ्तार से सड़क से हटाकर 250 फुट गहरे खाई में ले गए। गनीमत ये रही कि इस हादसे में धर्मेश, उनकी पत्नी और उनके 4 और 7 साल के बच्चे की जान बच गई।
मनोचिकित्सकों ने गवाही में कहा है कि 42 साल के पटेल अपनी फैमिली को बचाने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें लगा कि उनके बच्चों को कोई मारने की कोशिश कर रहा है। उन्हें चिंता थी कि यौन उत्पीड़न के लिए उनके बच्चों का अपहरण होने का खतरा है। रिपोर्ट के अनुसार, मनोचिकित्सक और गवाह मार्क पैटरसन ने अदालत को बताया कि पटेल भ्रमपूर्ण सोच रहा था कि उसने अपने परिवार को बदतर भाग्य से बचाने के लिए उस समय यह काम किया।
मनोचिकित्सकों के अनुसार पटेल चिंतित थे कि उनके बच्चों का अपहरण हो सकता है। उन्हें आशंका थी बच्चों का यौन उत्पीड़न किया जा सकता है। पैटरसन और जेम्स आर्मेट्राउट दो मनोचिकित्सक हैं जिन्होंने पटेल के बचाव के लिए गवाही दी हैं।
2 जनवरी, 2023 को पटेल का सफेद टेस्ला कार सैन फ्रांसिस्को के दक्षिण में पैसिफिक कोस्ट हाईवे से मुड़ गया और चट्टान से गिर गया। हादसे में उनकी पत्नी और दो बच्चे बाल-बाल बच गए। इससे पहले पटेल ने दावा किया था कि जब वह चट्टान से उतरे तो उनकी कार में टायर की समस्या थी। हालांकि, उनकी पत्नी नेहा पटेल (41) का कहना था कि उनके पति अवसाद में थे।
धर्मेश पटेल ने हत्या के प्रयास के तीन मामलों में खुद के दोषी नहीं होने का अनुरोध किया है। मामले में मानसिक स्वास्थ्य की मांग कर रहा है, जो उसे जेल से रिहा करने और उसे दो साल के लिए उपचार योजना पर रखने की अनुमति देगा। स्थानीय मीडिया के अनुसार अगर वह कोई अन्य अपराध नहीं करता है या अपनी रिहाई के बाद लगाए गए किसी नियम को नहीं तोड़ता है तो उसके खिलाफ आरोप हटा दिए जाएंगे।
हालांकि विरोधी पक्ष के वकीलों ने केस ध्यान भटकाने का तर्क दिया है। उनका कहना है कि उनके डॉक्टर ने पाया कि पटेल स्किज़ोफेक्टिव नामक डिप्रेसिव डिसऑर्डर से पीड़ित हैं, न कि मानसिक लक्षणों से पीड़ित थे। उनका मानना है कि मामला अदालत में ही रहना चाहिए। मामले की सुनवाई अब 2 मई को होगी।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login