अमेरिका के वर्जीनिया में एक भारतीय मूल के जोड़े को अपने रिश्तेदार से मजदूरी कराने और मानव तस्करी के आरोप में दोषी ठहराया गया है। सिख जोड़े ने चचेरे भाई को वर्षों तक अपने गैस स्टेशन और सुविधा स्टोर पर काम करने के लिए मजबूर किया। उसका शारीरिक और मानसिक शोषण किया। दंपती को इस अपराध के लिए 20 साल तक की जेल हो सकती है।
हरमनप्रीत सिंह और कुलबीर कौर को अपने रिश्तेदार को श्रम के लिए मजबूर करने का दोषी पाया गया है। दोनों पर रिश्तेदार के आव्रजन दस्तावेज जब्त करने का भी आरोप है। हरमनप्रीत और कुलबीर वर्जीनिया के नॉर्थ चेस्टरफील्ड में एक गैस स्टेशन और सुविधा स्टोर के मालिक हैं।
यहीं पर सिख दंपती ने अपने रिश्तेदार को लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया। दो सप्ताह की सुनवाई के बाद वर्जीनिया के पूर्वी जिले में एक संघीय जूरी द्वारा उनके खिलाफ दोषसिद्धि का ऐलान किया गया।
मुकदमे के दौरान पेश किए गए सबूतों से पता चला कि मार्च 2018 और मई 2021 के बीच हरमनप्रीत और कुलबीर ने सिंह के चचेरे भाई को अपने स्टोर पर श्रम और सेवाएं प्रदान करने के लिए मजबूर किया। सिंह का भाई भी भारतीय मूल का ही है।
सिंह और कौर ने पीड़ित को स्कूल में दाखिला दिलाने में मदद करने के झूठे भरोसे के साथ 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करने के लिए फुसलाया। उस समय सिंह का भाई नाबालिग था। जैसे ही वह रिश्तेदार अमेरिका में दंपती के पास पहुंचा तो दोनों ने उसके आव्रजन दस्तावेज़ जब्त कर लिए। इसके बाद पीड़ित को कैशियर के रूप में काम करने, खाना तैयार करने, साफ-सफाई करने और स्टोर रिकॉर्ड मेनटेन करने के लिए मजबूर किया गया। उसे न्यूनतम वेतन पर लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया।
सिंह और कौर के लिए सजा 8 मई को निर्धारित है। दोनों को अधिकतम 20 साल की जेल, पांच साल तक की निगरानी रिहाई, 250,000 अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना और जबरन श्रम के आरोप के लिए अनिवार्य क्षतिपूर्ति का सामना करना पड़ेगा।
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