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डीएनसी में भारतवंशी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने बताया, चीन को कैसे पछाड़ सकती हैं कमला हैरिस

इलिनोइस से डेमोक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने डीएनसी में अपने संबोधन में बताया कि कमला हैरिस चीन और अन्य विदेशी विरोधियों को पछाड़ने में देश को एकजुट करने के लिए किस तरह सबसे अच्छी स्थिति में हैं।

सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कमला हैरिस के राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवारी हासिल करने से ठीक पहले भाषण दिया था। / Image provided

कमला हैरिस के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनने से कुछ घंटे पहले भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन (डीएनसी) के मुख्य मंच से अहम भाषण दिया।

इलिनोइस से डेमोक्रेट सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने अपने संबोधन में बताया कि कमला हैरिस चीन और अन्य विदेशी विरोधियों को पछाड़ने में देश को एकजुट करने के लिए किस तरह सबसे अच्छी स्थिति में हैं।

बता दें कि राजा अमेरिका और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की प्रवर समिति के रैंकिंग सदस्य के रूप में कांग्रेसी समिति की अगुआई करने वाले पहले दक्षिण एशियाई सांसद हैं। इस लिहाज से उनका संबोधन काफी अहमियत रखता है। 

डीएनसी में राजा के संबोधन के दौरान दर्शकों में उनके पैरेंट्स भी मौजूद थे। / Image provided

कमला हैरिस के अलावा कांग्रेस मेंबर राजा कृष्णमूर्ति उस दिन दक्षिण एशियाई मूल के इकलौते नेता थे जिन्होंने हैरिस के नामांकन की रात अपनी बात देश के सामने रखी। राजा के माता-पिता का ताल्लुक भारत के तमिलनाडु से है। कमला हैरिस का परिवार भी इसी राज्य से संबंध रखता है। राजा के संबोधन के दौरान उनके माता पिता ने बतौर दर्शक इस ऐतिहासिक भाषण में गर्व से हिस्सा लिया।

गौरतलब है कि कमला हैरिस ने औपचारिक रूप से राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट नामांकन स्वीकार करते हुए कहा था कि उन सभी की ओर से जिनकी कहानी पृथ्वी पर केवल सबसे महान राष्ट्र में ही लिखी जा सकती है... मैं अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए आपका नामांकन स्वीकार करती हूं।

हैरिस ने आगे कहा इस चुनाव के साथ हमारे देश के पास अतीत की कड़वाहट, संशयवाद और विभाजनकारी लड़ाइयों से आगे बढ़ने का एक अनमोल अवसर है। आगे बढ़ने का एक नया रास्ता तैयार करने का मौका है। किसी एक पार्टी या गुट के सदस्य के रूप में नहीं बल्कि अमेरिका वासियों के रूप में। हमें ये कर दिखाना है।

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