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भारत के 'मॉलीवुड' सिनेमा में MeToo दावों से उठा तूफान, आये दिन सनसनी

केरल आधारित 'मॉलीवुड' यानी मलयाली भाषी सिनेमा मजबूत और प्रगतिशील विषयों के साथ समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों के लिए जाना जाता है। यह मुंबई में भारत के विशाल हिंदी-भाषा वाले बॉलीवुड के नाच-गानों से भरे सिनेमा से अलग है।

सांकेतिक तस्वीर / Pexels

अपनी सुरक्षा को लेकर भयभीत भारतीय अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा को याद है कि उन्होंने अपने होटल के दरवाजे पर कुर्सियां और सोफा धकेल दिया था जब उन्होंने कहा था कि एक पुरस्कार विजेता अनुभवी निर्देशक ने उनका यौन उत्पीड़न किया था।

मित्रा ने इस बारे में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए 15 साल तक इंतजार किया। यह भारत की मलयालम भाषा की 'मॉलीवुड' फिल्म उद्योग की काली बुनियाद को उजागर करने वाले कई मामलों में से एक है। मॉलीवुड ने कान्स में कई पुरस्कार जीते हैं।

श्रीलेखा का रहस्योद्घाटन एक विस्फोटक सरकारी रिपोर्ट से प्रेरित है जिसमें शक्तिशाली और अमीर पुरुषों के प्रभुत्व वाले उद्योग में बड़े पैमाने पर यौन उत्पीड़न का दस्तावेजीकरण किया गया था, जो मानते हैं कि स्क्रीन पर चुंबन करने की इच्छुक अभिनेत्री वास्तविक जीवन में भी ऐसा ही करेगी।

51 वर्षीय मित्रा ने बताया कि उस पूरी रात मैं जागती रही। मित्रा को निर्देशक के घर पर एक सभा में आमंत्रित किया गया था। श्रीलेखा के मुताबिक वहां निर्देशक ने एक छायाकार से फोन पर बात करने के लिए उन्हें अपने कमरे में बुलाया था।

उन्होंने 2009 की घटनाओं का वर्णन करते हुए कहा- उसने मेरे बालों और गर्दन के साथ खेलना शुरू कर दिया। मुझे पता था कि अगर मैंने तब कुछ नहीं कहा तो उसका हाथ मेरे शरीर के अन्य हिस्सों तक पहुंच जाएगा। खैर, मैं अपने होटल लौट आई मगर उसकी हरकतों के पीछे के इरादे मेरे लिए बिल्कुल स्पष्ट थे। मैं डर गई थी।

भारतीय मीडिया के अनुसार उनके मामले और करीब एक दर्जन अन्य लोगों ने उद्योग में मीटू की चर्चा शुरू कर दी है, जिसमें कम से कम 10 प्रमुख हस्तियों को आरोपी बनाया गया है। केरल स्थित मॉलीवुड मजबूत और प्रगतिशील विषयों के साथ समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों के लिए जाना जाता है। यह मुंबई में भारत के विशाल हिंदी-भाषा बॉलीवुड के बड़े नाच-गाने वाले सिनेमा से कतई अलग है।

यह उद्योग बहुत बड़ा है। प्रति वर्ष 200 फिल्मों का निर्माण करता है। इसे न केवल दक्षिणी भारत के 37 मिलियन (करीब 4 करोड़) मलयालम भाषी पसंद करते हैं बल्कि शेष भारत   और विदेशों में भी डब और स्ट्रीम किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी फिल्मों ने पुरस्कार जीते हैं, जिनमें 1999 की व्यंग्यात्मक फिल्म मरना सिम्हासनम (थ्रोन ऑफ डेथ), कान्स में कैमरा डी'ओर की विजेता भी शामिल है।

इस साल की सर्वाइवल थ्रिलर 'मंजुम्मेल बॉयज' ने बॉक्स ऑफिस पर 29 लाख डॉलर की कमाई की जो अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली मलयालम फिल्म है और इस साल भारत में पांचवीं सबसे सफल फिल्म है।

सबसे बुरी बुराई
19 अगस्त को जारी उद्योग पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला कलाकारों को यौन उत्पीड़न की 'सबसे बुरी बुराई' का सामना करना पड़ा। यह रिपोर्ट उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली हेमा समिति द्वारा जारी की गई थी, जिसे एक प्रमुख मलयालम अभिनेत्री द्वारा 2017 में यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद गठित किया गया था। 
 

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