हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा होने की स्थिति में पहुंच गई है। विश्व भाषाओं पर आधिकारिक सोर्स एथनोलॉग (Ethnologue) की एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। एथनोलॉग रिपोर्ट मानव संपर्क, संस्कृति और पहचान को आकार देने में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
609.5 मिलियन लोग हिंदी भाषा में बोलते हैं। वैश्विक भाषाओं के शीर्ष स्तर पर हिंदी का विस्तार न केवल भारत के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इसके महत्व को उजागर करती है। हिंदी भारत के जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्य का पर्याय बनने वाली भाषा है। इस लैंग्वेज ने भौगोलिक सीमाओं को पार करते हुए दुनिया भर में एक लोकप्रिय भाषा के रूप में अपना स्थान बनाया है। इसके प्रमुख कारणों में से एक देश के प्रवासी के साथ-साथ बॉलीवुड और शास्त्रीय साहित्य की प्रमुखता है।
अनुमानित 1.5 बिलियन बोलने वालों के साथ अंग्रेजी विश्व स्तर पर सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुए है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विज्ञान और कूटनीति में भाषा का प्रभुत्व अच्छी तरह से स्थापित है। इसकी व्यापकता इंटरनेट द्वारा बढ़ाई गई है।
अंग्रेजी के बाद चीनी है, जो लगभग 1.1 बिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है। यह भाषा मुख्य रूप से चीन और ताइवान में प्रयोग की जाती है। चीनी ग्लोबल कम्युनिकेशन में एक अहम भूमिका निभाता है। यह दुनिया भर के चीनी समुदायों के लिए आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
विशेष रूप से भारत के पश्चिम बंगाल क्षेत्र में व्यापक रूप से बोली जाने वाली और बांग्लादेश की आधिकारिक भाषा बांग्ला सातवें स्थान पर है। अपनी कलात्मक और काव्यात्मक विरासत के लिए प्रसिद्ध बंगाली साहित्य, संगीत और सिनेमा में अपने योगदान में एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का दावा करता है।
पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा उर्दू उत्तरी भारत में व्यापक रूप से बोली जाती है। यह दसवें नंबर पर आती है। उर्दू अत्यधिक सांस्कृतिक महत्व रखती है। यह साहित्य, संगीत और सिनेमा के माध्यम से दक्षिण एशिया की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण वाहन के रूप में काम करता है। क्षेत्र के भीतर सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मनोरंजन के लिए इसका अहम रोल है।
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