कनाडा की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग अल्पसंख्यकों को खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ती। वे इनके त्योहारों में शामिल होते हैं और समय-समय पर उनके सामने आने वाले मुद्दों पर बयान भी जारी करते हैं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दो अलग-अलग बयान जारी करके दीपावली और बंदी छोड़ दिवस की शुभकामनाएं दीं । मुख्य विपक्षी पार्टी पियरे पॉलीव्रे और NDP के नेता जगमीत सिंह ने भी दीपावली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर दो मिलियन से ज्यादा मजबूत भारतीय-कनाडाई समुदाय को शुभकामनाएं दीं।
कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी और आधिकारिक विपक्ष के नेता पियरे पॉलीव्रे ने दीपावली पर एक बयान में कहा, 'आज, दुनिया भर में एक अरब से ज्यादा हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध दीपावली (रोशनी का त्योहार) मनाते हैं।' उन्होंने कहा, 'दुनिया के सबसे पुराने त्योहारों में से एक होने के नाते, दीपावली की आत्मा सीमाओं और संस्कृतियों से परे है। इसके रंग-बिरंगी रंगोली दुनिया भर में घरों में सजाए जाते हैं। यहां कनाडा में भी, जहां हमारा समृद्ध दक्षिण एशियाई समुदाय पारंपरिक रस्मों को आगे बढ़ाता है।'
उन्होंने कहा, 'कनाडा के हर वर्ग के लोग इन समारोहों में शामिल होते हैं। दीपावली हमें विश्वास, परिवार और आजादी के साझा मूल्यों की याद दिलाती है। साथ में, हम इसके स्थायी वादे का जश्न मनाते हैं कि कठिन परिस्थिति में भी रोशनी हमेशा अंधेरे पर विजय हासिल करेगी, ज्ञान हमेशा अज्ञानता पर विजय हासिल करेगा और अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय हासिल करेगी।'
पियरे पॉलीव्रे ने कहा, 'जो भी इस त्योहार का जश्न मना रहे हैं, उनकी दीपावली समारोह प्रार्थना, नृत्य, आतिशबाजी और मिठाई से भरे हों। दीया की रोशनी आने वाले दिनों के लिए आपको प्रोत्साहित करे। कनाडा के कॉमन सेंस कंजर्वेटिव्स की तरफ से दीपावली की शुभकामनाएं।'
दरअसल, यह बयान कनाडा में Overseas Friends of India द्वारा लिखे गए एक पत्र के कारण उठे विवाद के बाद आया है। पत्र में पॉलीव्रे द्वारा हाउस ऑफ कॉमन्स में दीपावली का पारंपरिक समारोह रद्द करने पर नाराजगी व्यक्त की गई थी। मीडिया में कंजर्वेटिव पार्टी के लोग यह कह रहे हैं कि कार्यक्रम रद्द नहीं हुआ है, बल्कि जल्द ही इसका आयोजन किया जाएगा। हाउस ऑफ कॉमन्स के हिंदू सदस्य दीपक ओभराई की मृत्यु के बाद इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी एक और MP टॉड डोहर्टी को दी गई है। हालांकि इस मुद्दे पर खबर लिखे जाने तक पार्टी का कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
वहीं, हाउस ऑफ कॉमन्स की चौथी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी NDP के नेता जगमीत सिंह ने बंदी छोड़ दिवस और दिवाली के मौके पर भारतीय-कनाडाई समुदाय के सदस्यों का सम्मान किया। एक बयान में उन्होंने कहा, 'दिवाली पर परिवार एक साथ आते हैं ताकि रोशनी के त्योहार, बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर रोशनी की जीत का जश्न मनाया जा सके। परिवार एक साथ आते हैं ताकि दीपक जलाएं, उपहारों का आदान-प्रदान करें और समारोहों में भाग लें। शुक्रवार को बंदी छोड़ दिवस के लिए, आइए हम अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर, एकजुटता में खड़े होने की शक्ति को याद करें।' उन्होंने कहा, आज इस बात पर विचार करने का समय है कि कनाडा को क्या महान बनाता है। यह है हमारी विविधता, धर्म की आजादी और एक बेहतर देश बनाने की दिशा में काम करना।'
इसके अलावा जगमीत सिंह ने एक बयान में कनाडाई और मानवाधिकार पक्षधरों को 1984 के सिख नरसंहार की 40वीं बरसी की याद दिलाते हुए कहा कि उनकी पार्टी हाउस ऑफ़ कॉमन्स में एक प्रस्ताव पेश करेगी जिसमें 1984 के अत्याचारों को नरसंहार के रूप में पहचान दिलवाई जाए।
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