अबू धाबी में इंडियास्फोरा समिट 2025 के समापन सत्र में यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी ने भारतीय डायस्पोरा की महत्वाकांक्षा और ऊर्जा को वैश्विक आर्थिक संभावनाओं को साकार करने में अहम बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी समुदाय का योगदान भविष्य में व्यापार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण होगा।
समापन सत्र का मुख्य संदेश था, "आसमान की कोई सीमा नहीं, हम साथ मिलकर कुछ भी कर सकते हैं", जो भारतीय उद्यमियों और पेशेवरों को दुनिया भर में आपस में जुड़ने और सहयोग करने की प्रेरणा देता है। अल ज़यौदी ने भारत और यूएई के बीच व्यापारिक रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।
उन्होंने भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) का जिक्र करते हुए कहा कि यह समझौता केवल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा नहीं दे रहा, बल्कि "विश्वभर के उच्च संभावित बाजारों से भी जोड़ रहा है"। इसके साथ ही उन्होंने जेबेल अली में स्थित भारत मर्ट का उल्लेख किया, जो भारतीय उत्पादों के लिए वैश्विक वितरण केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
यूएई-भारत व्यापार संबंधों के बारे में बात करते हुए जायौदी ने बताया कि 2024 में द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, जो 2023 की तुलना में लगभग 20.5 प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यूएई व्यापारियों के लिए एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान कर रहा है जो उनके विस्तार में मदद करेगा और भारत को वैश्विक बाजारों के लिए एक प्रमुख केंद्र माना जाएगा।
जायौदी ने वैश्विक व्यापार संरक्षणवाद के बीच भारत-यूएई CEPA को खुले व्यापार का आदर्श बताते हुए कहा कि यह समझौता राष्ट्रवाद और व्यापार प्रतिबंधों से बचने की दिशा में एक उदाहरण है। उन्होंने बताया कि यूएई में व्यापार को राजनीति से अलग रखा गया है और देश व्यापारिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।
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