ADVERTISEMENTs

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के लोगों ने इस तरह से मनाया राष्ट्रीय वृक्ष दिवस

सिडनी हिंदू एंड इंडियंस वॉलंटियर्स एसोसिएशन (SHIVA) ने 28 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े सामुदायिक वृक्षारोपण और प्रकृति देखभाल कार्यक्रम, राष्ट्रीय वृक्ष दिवस को मनाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया।

SHIVA के स्वयंसेवकों ने एक टिकाऊ भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई पौधे लगाए। / Saraswati Singh

ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स में रहने वाले भारतीयों के स्वयंसेवी समूह सिडनी हिंदू एंड इंडियंस वॉलंटियर्स एसोसिएशन (SHIVA) ने 28 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े सामुदायिक वृक्षारोपण और प्रकृति देखभाल कार्यक्रम, राष्ट्रीय वृक्ष दिवस को मनाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया।

हर साल कई ऑस्ट्रेलियाई पर्यावरण में बदलाव लाने के लिए वृक्ष दिवस पर पर्यावरणीय गतिविधियों में स्वयंसेवा करते हैं। ब्लैकटाउन सिटी काउंसिल द्वारा वाइट रिजर्व, एकेशिया गार्डन्स में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान SHIVA के स्वयंसेवकों ने एक टिकाऊ भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कई पौधे लगाए।

पर्यावरण को बचाने के लिए मुहिम में जुटे SHIVA के स्वयंसेवक। / Saraswati Singh

SHIVA की जलवायु और स्थिरता प्रमुख टी निवेदिता सिंह ने न्यू इंडियन अब्रॉड को इस कार्यक्रम के महत्व पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'शिवा समुदाय इस कार्यक्रम में स्वयंसेवा कर रहा है ताकि आने वाली पीढ़ियां प्रकृति का सम्मान करने और उसकी रक्षा करने के सनातन धर्म के मूल मूल्यों से जुड़ सकें। यह एक हरा-भरा, स्वस्थ पर्यावरण बनाने के लिए समुदाय की भावना को एक साथ लाना है।'

उन्होंने आगे कहा, 'यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण और सामूहिक जिम्मेदारी के महत्व के बारे में समुदाय को शिक्षित और प्रेरित करने का अवसर भी प्रदान करता है। हमारा मानना है कि इस तरह का प्रयास एक लहर प्रभाव पैदा कर सकती हैं, जो अधिक लोगों को हमारे प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।'

वृक्षारोपण के दौरान बच्चों में गजब का उत्साह दिखा। / Saraswati Singh

राष्ट्रीय वृक्ष दिवस लोगों से धरती के प्रति प्रतिबद्ध होने का आह्वान करने के लिए मनाया जाता है। इस आयोजन का उद्देश्य पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और यह सुनिश्चित करना है कि हम प्रकृति को बचाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें। पर्यावरण जितना हरा-भरा होगा, हम उतने ही स्वस्थ होंगे। इस अवसर पर बच्चे भी उत्साह से भाग लेते हैं। बच्चों ने कई पौधे लगाए जो भविष्य में अनगिनत जानवरों के लिए घर बनेंगे।

आज जलवायु संकट वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। अपने प्रयासों के माध्यम से भारतीय मूल के प्रवासियों की सामूहिक कार्रवाई की शक्ति उन्हें यह समझने के लिए प्रेरित करती है कि उनका योगदान, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, मूल्यवान है और अविश्वसनीय बदलाव ला सकता है।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

Related