अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को 4 जुलाई की आतिशबाजी बहुत पसंद हैं। वो अपने आस-पास के इलाकों में ऊंची जगहों पर चले जाते हैं ताकि पटाखों का आनंद ले सकें। कुपर्टिनो में मोंटे बेलो रोड पर एक पॉइंट से सांता क्लारा, ग्रेट अमेरिका पार्कवे और शोर्लाइन एम्फीथिएटर की आतिशबाजी को एक साथ देखा जा सकता है। इस मौके पर भारतीय मूल के लोग एक-दूसरे के साथ अपनी फोल्डिंग कुर्सियां लेकर आते हैं। 4 जुलाई को बगीचों की पार्टियां सड़क पर निकल जाती हैं, दोस्तों के बड़े-बड़े ग्रुप अपने खाने के प्लेट लेकर निकलते हैं, ताकि तारों से सजे आसमान का नजारा न छूटे।
जिन घरों से पटाखे दिखते हैं, वहां लोग पार्टियां करते हैं। दोस्ती और खुशियों के साथ आपस में जाम टकराते हैं। लाल, सफेद और नीले रंग से सजी हुई सजावट और कपड़े देखने को मिलते हैं। क्या यह एक सामान्य दुश्मन के खिलाफ पुरानी यादों को ताजा करने का तरीका है, या क्या यह सिर्फ इतना है कि एक भारतीय मस्ती करने का मौका नहीं छोड़ सकता? आखिरकार, भारत में क्रिसमस और दिवाली दोनों त्योहार बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं।
निकी और संगीता मेहरा ने सैन फ्रांसिस्को के अपने अपार्टमेंट की बालकनी पर एक पार्टी रखी थी। वहां से घिराडेली स्क्वायर का नजारा दिखता है। संगीता मेहरा ने बताया कि पिछले चार साल से कोविड के कारण हम किसी को बुला नहीं पाए थे। हमें आतिशबाजी बहुत पसंद है। निकी ने कहा, इमारत में एक पार्टी होती है और हम अपनी भी पार्टी करते हैं।
सुबह की परेड और पैनकेक का नाश्ता इस भीड़ में ज्यादा लोकप्रिय नहीं है। भारतीय-अमेरिकी लोग पटाखों के शानदार शो को देखने के लिए निकलते हैं। ज्यादातर शाकाहारी भारतीय-अमेरिकी लोग पारंपरिक बारबेक्यू को छोड़ देते हैं। शो से पहले लोग फिशरमैन व्हार्फ और पियर 39 में 4 जुलाई के त्योहार का मजा लेते हैं। कुछ लोग सैन फ्रांसिस्को और बर्कले से निकलने वाली सिटी क्रूज में सवार होकर पटाखों के नजारों को करीब से देखने के लिए समुद्र में जाते हैं।
हर कोई अमेरिका में अपना पहला 4 जुलाई का जश्न याद रखता है। हैदराबाद से आई सोशल स्टडीज की एक्सचेंज स्टूडेंट धरणी कासवरजू अमेरिकी घरों में एक-दूसरे से सीने से टकराकर अभिवादन करते हुए देखकर बहुत हैरान रह गई थीं। जोश और उत्साह का बढ़ता हुआ माहौल उनके दिल में देशभक्ति का भाव भर गया था।
इस साल हर साल की तरह रात 9:30 बजे सैन फ्रांसिस्को के वाटरफ्रंट पर सालाना पटाखों का शो शुरू हुआ। अलग-अलग जगहों पर रखे गए जहाजों से पटाखे छोड़े गए थे ताकि सभी को अच्छे से दिखाई दे। संगीता मेहरा ने बताया, मैं इस बात को लेकर चिंतित थी कि सैन फ्रांसिस्को का मशहूर कोहरा हमारे नजारे को खराब कर देगा, लेकिन बादल बाईं तरफ के शो के लिए एक बहुत अच्छा कैनवास बन गए थे। हमारी बालकनी से दो पटाखों के शो दिखाई दे रहे थे। दाहिनी तरफ बादल न होने से एक बहुत अच्छा कंट्रास्ट बन रहा था। यह ऐसा था जैसे एक ऑप्टोमेट्रिस्ट के चश्मे से देख रहे हों, एक तरफ बिलकुल साफ और दूसरी तरफ थोड़ा धुंधला।
कोहरा गायब था। ठंड होने लगी और लोग बालकनी पर आते ही जैकेट पहनने लगे। गोल्डन गेट ब्रिज अपनी दोनों टांगें फैलाए हुए गर्व से खड़ा था। समुद्र के पानी ने अलकाट्राज द्वीप की तरफ हल्की लहरें भेजते हुए प्रवेश द्वार को चूमा। लाल रंग की चिंगारी आसमान में उड़ रहे थे। शराब पीने वालों के चेहरे खुशी से चमक रहे थे। बता दें कि 4 जुलाई अमेरिका के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसी दिन खुद को ब्रिटिश शासन से आजाद घोषित कर दिया था। 1776 से लेकर आज तक हर साल 4 जुलाई को अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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