अमेरिका में चुनावी हलचल के बीच एक नया सर्वे आया है जो दावा करता है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए भारतीय-अमेरिकी समर्थन पिछले 4 वर्षों में कम हो गया है। सर्वे के अनुसार केवल 46 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे बाइडेन को वोट देंगे जबकि वर्ष 2020 में 65 प्रतिशत लोग ऐसा चाहते थे। एशियाई अमेरिकी मतदाताओं के बीच किया गया यह सर्वे 10 जुलाई की सुबह जारी किया गया।
सर्वेक्षण एएपीआई डेटा द्वारा कराया गया था और एपीआईए वोट, एशियन अमेरिकंस एडवांसिंग जस्टिस और अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ रिटायर्ड पर्सन्स (एएआरपी) द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया।
सर्वेक्षण जारी होने से पहले एक साक्षात्कार में एएपीआई डेटा के संस्थापक डॉ. कार्तिक रामकृष्णन ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि भारतीय अमेरिकियों के बीच बाइडेन ने 2020 और 2024 के बीच समर्थन खो दिया है। लेकिन ऐसा भी नहीं है रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को भारतीय अमेरिकियों के कोई बहुत अधिक फायदा हुआ है।
रामकृष्णन ने कहा कि हमने देखा कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है जो किसी और को वोट देना चाहते हैं। और भारतीय अमेरिकियों के बीच उन लोगों की तादाद अधिक है जो कहते हैं कि वे नहीं जानते कि वे किसे वोट देंगे। इस रोशनी में देखें तो तो डेटा इस बात की ओर इशारा करता है कि भारतीय अमेरिकियों के बीच काफी हद तक असंतोष है। उनमें जिन्होंने 2020 में बाइडेन का समर्थन किया होगा लेकिन 2024 में उस विकल्प से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि बाइडेन अब भी ट्रम्प को आमने-सामने की लड़ाई में हरा सकते हैं। भारतीय अमेरिकियों और आम तौर पर एशियाई अमेरिकियों के बीच ऐसा ही माहौल है।
सर्वेक्षण में शामिल 46 प्रतिशत भारतीय अमेरिकियों ने कहा कि वे बाइडेन को वोट देंगे जबकि 29 प्रतिशत ने कहा कि वे ट्रम्प को वोट देंगे। 5 फीसदी लोगों ने कहा कि वे दूसरे उम्मीदवार को वोट देंगे जबकि 20 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें नहीं पता वे किसे वोट देंगे।
राजनीतिक दल संबद्धता के संदर्भ में...
मुद्रास्फीति समेत अर्थव्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति का कथित खराब प्रदर्शन भारतीय अमेरिकी मतदाताओं के लिए एक बड़ा मुद्दा है। बाइडेन की अप्रवासन नीति से भी असंतोष है। कुछ डेमोक्रेट महसूस करते हैं कि वह अप्रवासी अधिकारों की रक्षा के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे जबकि अन्य का मानना है कि उन्होंने सीमा पर 'लोगों की आंधी' को रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किया।
27 जून की बहस में बाइडेन के घटिया प्रदर्शन के बाद पिछले दो हफ्तों में राष्ट्रपति के दौड़ से बाहर होने की चर्चा बढ़ गई है। रामकृष्णन ने कहा कि यदि आज सर्वेक्षण किया जाए तो बाइडेन के लिए भारतीय अमेरिकियों का समर्थन लगभग उतना ही रहेगा।
अलबत्ता, ट्रम्प के लिए समर्थन में मामूली वृद्धि हुई है क्योंकि एशियाई अमेरिकी मतदाताओं को लगता है कि वह लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और अमेरिकी सीमाओं पर प्रवासी संकट से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं।
हैरिस के समर्थन में भी कमी
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के लिए भारतीय अमेरिकियों का समर्थन भी कम हो गया है। केवल 16 प्रतिशत भारतीय अमेरिकियों ने कहा कि वे उन्हें बहुत अनुकूल दृष्टि से देखते हैं और 38 फीसदी ने कहा कि वे उन्हें कुछ हद तक अनुकूल दृष्टि से देखते हैं। जबकि 48 प्रतिशत लोग हैरिस को प्रतिकूल दृष्टि से देखते हैं और 4 प्रतिशत का कहना है कि वे उनके बारे में पर्याप्त नहीं जानते। यदि बाइडेन ने पद छोड़ना चुना तो डेमोक्रेटिक टिकट का नेतृत्व करने के लिए हैरिस की स्पष्ट पसंद के रूप में सर्वे में चर्चा की गई थी।
हैरिस को लेकर रामकृष्णन ने कहा कि वे बाइडेन से जुड़ी हुई हैं। इसलिए मुझे लगता है कि समर्थन में कुछ हद तक कमी का यह कारण है। आव्रजन पर खराब प्रदर्शन की धारणाओं ने भी एक भूमिका निभाई हो सकती है। यह उससे बहुत अलग है जो हमने 2020 में देखा था। तब आपने भारतीय अमेरिकियों और दक्षिण एशियाई लोगों के बीच गर्व का विस्फोट देखा था। मुझे लगता है कि उसमें कुछ कमी है।
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