भारतीय-अमेरिकी महामारी विशेषज्ञ श्रुति मेहता को जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विज्ञान विभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया है। संक्रामक रोग विशेषज्ञ श्रुति मेहता ब्लूमबर्ग अमेरिकन हेल्थ इनिशिएटिव द्वारा समर्थित महामारी विज्ञान विभाग में प्रोफेसर के रूप में भी सेवाएं देंगी।
मेहता का करियर कमजोर वर्ग के लोगों की सेवा के लिए समर्पित रहा है। वह खासतौर से नशे के शिकार ऐसे लोगों की मदद करती हैं, जिन्हें एचआईवी या हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम होता है।
श्रुति ने पीएचडी भी कर रखी है। उनका शोध बाल्टीमोर और भारत तक फैला है। उसे 350 से अधिक पीयर रिव्यू मिल चुके हैं। उन्हें लगातार 20 से अधिक वर्षों तक नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ और प्रेसिडेंट के इमरजेंसी प्लान फॉर एड्स रिलीफ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से फंडिंग मिलती रही है।
श्रुति मेहता इससे पहले महामारी विज्ञान विभाग में अनुसंधान एवं प्रशासन मामलों की उपाध्यक्ष और एचआईवी महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम की निदेशक रह चुकी हैं। उन्होंने ALIVE स्टडी और जॉन्स हॉपकिन्स की लॉन्ग COVID स्टडी का सह-नेतृत्व किया है, जिसमें फरवरी 2021 से लेकर अब तक 15,000 से अधिक भर्तियां हो चुकी हैं।
ब्लूमबर्ग स्कूल के डीन एलेन जे मैकेंजी ने श्रुति मेहता की उपलब्धियों और नेतृत्व क्षमता की दिल खोलकर तारीफ की। मैकेंजी ने कहा कि श्रुति का अकादमिक उपलब्धियों का बेहतरीन रिकॉर्ड है। उनकी नेतृत्व क्षमता कमाल की है। उनके पास विभाग के भविष्य को लेकर एक महत्वपूर्ण नजरिया है।
श्रुति मेहता ने कहा कि उनका उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य की चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए नई साझेदारी बनाना और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करना है। मेरा इरादा व्यवस्था को नया रूप देने, रचनात्मक तरीके से लोगों व विभाग की समस्याओं का समाधान करना और जनस्वास्थ्य के सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों का हल निकालना है। इसके लिए मैं हरसंभव प्रयास करूंगी।
श्रुति मेहता को डेविड सेलेन्टानो की जगह पर ये जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिन्होंने 16 साल तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। अब वह जॉन्स हॉपकिन्स सेंटर फॉर एड्स रिसर्च प्रिवेंशन कोर में अपना शोध और निर्देशन कार्य जारी रखेंगे।
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