जीन थेरेपी में विशेषज्ञता वाली डलास की बायोटेक्नोलोजी कंपनी नैनोस्कोप थेरेप्यूटिक्स ने भारतीय-अमेरिकी सर्जन सुनील गुप्ता को अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में शामिल किया है।
नैनोस्कोप की सीईओ सुलग्ना भट्टाचार्य ने कहा कि सुनील गुप्ता के पास रेटिना संबंधी पुरानी बीमारियों और ड्राई मैक्युलर डीजेनरेशन के उपचार के लिए जरूरी मेडिकल व आंत्रप्रेन्योरनल विशेषज्ञता का असाधारण संयोजन है। वह नैनोस्कोप के बोर्ड के लिए अमूल्य सदस्य साबित होंगे क्योंकि हम इन बीमारियों के इलाज से पीड़ित लोगों की आंखों को रोशनी वापस लाने के लिए अपने उत्पादों का कमर्शल उत्पादन शुरू करने जा रहे हैं।
सुनील गुप्ता रेटिना स्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट (आरएसआई) और इंटेलिजेंट रेटिनल इमेजिंग सिस्टम्स (आईआरआईएस) के संस्थापक हैं। उन्होने आंख संबंधी बीमारियों और रेटिना देखभाल के लिए इनोवेटिव टेलीमेडिसिन उपचारों की अगुआई की है।
उनका टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म IRIS दुनिया भर में लोगों को अंधा होने से बचाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके जरिए रेटिना संबंधी बीमारियों का शुरू में ही पता लगाकर प्राथमिक देखभाल उपलब्ध कराई जाती है।
गुप्ता अमेरिका के सबसे बड़े रेटिना फिजिशयन एसोसिएशन में से एक USRetina के संस्थापक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी रहे हैं, जिसे हाल ही में मैककेसन को बेच दिया गया है।
सुनील गुप्ता ने नई जिम्मेदारी के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नैनोस्कोप ने वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और बिजनेस लीडर्स की विश्वस्तरीय टीम बनाई है और मैं इसमें योगदान देने के लिए उत्साहित हूं।
सुनील गुप्ता ने यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन से डिग्री हासिल की है और विटेरोरेटिनल सर्जरी में विशेष ट्रेनिंग ली है।
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