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गाजा में युद्धविराम जल्द? UNSC के प्रस्ताव पर क्या बोले भारतवंशी सांसद

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद ने गाजा पर एक लंबे समय से प्रतीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की बिना शर्त तत्काल रिहाई का आह्वान किया गया है।

अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल और रो खन्ना ने प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। / / X - @RepJayapal and @RwpRoKhanna

गाजा में पांच महीने से ज्यादा समय से चल रही जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहली बार प्रस्ताव पारित करके तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है। इजराइल के सहयोगी अमेरिका द्वारा वोटिंग से अनुपस्थित रहने की वजह से ये प्रस्ताव पारित हो पाया। इस प्रस्ताव पर अमेरिकी संसद में भारतीय मूल के सांसदों ने प्रतिक्रिया दी है। 

भारतवंशी सांसद प्रमिला जयपाल ने गाजा में संघर्षविराम के प्रस्ताव पर मतदान को एक अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद से पास प्रस्ताव काफी अहम हैं। एक अंतरराष्ट्रीय कानून के नाते इसके प्रावधान बाध्यकारी हैं। हालांकि परिषद के पास इन प्रस्तावों को लागू करने के अधिकार सीमित हैं। जयपाल ने कहा कि परिषद के पास अपने प्रस्तावों को लागू करने के तरीके भले ही कम हों, लेकिन प्रस्तावों को अनदेखा करने वाले देशों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई जरूर की जा सकती है।

भारतीय मूल के एक अन्य सांसद रो खन्ना ने फ्रेंकलिन फोएर के शब्दों को दोहराते हुए यहूदी विरोधी भावनाओं के खतरों की तरफ ध्यान दिलाया। खन्ना ने कहा कि जो भी समाज यहूदी विरोधी भावनाओं को बढ़ावा देने में लिप्त है, वह गलतियों के वास्तविक समाधान के बजाय बलि का बकरा खोजने में अधिक रुचि रखता है। असामाजिकता का उदय उदारवाद के व्यापक सिद्धांतों जैसे कि सहिष्णुता, बहुलवाद, कड़ी मेहनत, संवाद के क्षरण का संकेत है। 

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद ने गाजा पर एक लंबे समय से प्रतीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की बिना शर्त तत्काल रिहाई की मांग की गई है। इस संकल्प को लागू किया जाना चाहिए। इसकी असफलता अक्षम्य होगी।

इस प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका से नाराज हैं। उनके कार्यालय ने अमेरिका की कड़ी आलोचना करते हुए संघर्षविराम को बंधकों की रिहाई से जोड़ने के मूल रुख से पीछे हटने के लिए आलोचना की है। 

अन्य स्थायी सदस्य जैसे कि रूस और चीन ने पहले बंधकों की रिहाई को युद्धविराम से जोड़ने के विरोध के कारण प्रस्ताव को वीटो कर दिया था। हालांकि अब उन्होंने अल्जीरिया और अन्य देशों के साथ नए प्रस्ताव का समर्थन किया है। हमास ने प्रस्ताव का स्वागत किया है। 

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