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हमास नेता की मौत के बाद भारतीय-अमेरिकी सांसदों का कूटनीतिक समाधान पर जोर

सिनवार पर इजराइल में 7 अक्टूबर को हुए घातक आतंकी हमले का सूत्रधार होने का आरोप था। इस हमले में 1,200 से अधिक नागरिकों की मौत हो गई थी। इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में वह एक महत्वपूर्ण कड़ी था।

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार, प्रमिला जयापाल और अमी बेरा। (बाएं से) / Image- Wikipedia

भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों ने हमास के नेता याह्या सिनवार की मौत के बाद कूटनीति और शांति के लिए नए प्रयासों का आह्वान किया है। सिनवार 17 अक्टूबर को इजराइली सैन्य ऑपरेशन में मारा गया था। प्रतिनिधि प्रमिला जयापाल और प्रतिनिधि बारबरा ली ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, 'याह्या सिनवार हमास का नेता था जिसने 7 अक्टूबर को क्रूर आतंकवादी हमले की योजना बनाई थी। उनकी मौत मध्य पूर्व में शांति के लिए काम करने के नए अवसर प्रदान करनी चाहिए। जैसे कि हमने इस युद्ध की शुरुआत से ही कहा है, युद्धविराम और बंधकों के आदान-प्रदान इस संघर्ष को समाधान करने की कुंजी है।'

जयापाल ने कूटनीतिक समाधान की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, 'इतिहास हमें बताता है कि आतंकवादी नेता की मौत से हिंसा का खात्मा हो जाए, ऐसा जरूरी नहीं है। सच्ची शांति और सुरक्षा तभी संभव है जब हमारी रणनीति में समझदार, सिद्धांतवान और कठोर कूटनीति शामिल हो।'

सांसद श्री थानेदार ने एक बयान में सिनवार की मौत को इस संघर्ष का एक 'महत्वपूर्ण मोड़' बताया। उन्होंने कहा, 'सिनवार 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए भयावह हमलों का मुख्य सूत्रधार था, जिसमें हजारों लोगों की जान गई। उम्मीद है, यह हमें गाजा में फंसे बंधकों की वापसी और इस विनाशकारी संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में एक कदम और आगे ले जाएगा।'

प्रतिनिधि अमी बेरा ने सिनवार की मौत के व्यापक भू-राजनीतिक प्रभावों के बारे में सवालों का जवाब दिया, खास तौर पर ईरान के प्रभाव के बारे में। उन्होंने कहा कि 'सिनवार के न रहने के बाद अब सवाल यह है कि क्या हमास का नेतृत्व युद्धविराम पर सहमत हो सकता है। हमास ने 7 अक्टूबर को स्वतंत्र रूप से कार्रवाई की, लेकिन अब तात्कालिक जरूरत यह है कि क्या हम युद्धविराम ला सकते हैं? बंधकों के लिए, जिनमें से कुछ अमेरिकी हैं, हमें उनकी रिहाई जल्द से जल्द करानी होगी।'

सिनवार पर इजराइल में 7 अक्टूबर को हुए घातक आतंकी हमले का सूत्रधार होने का आरोप था। इस हमले में 1,200 से अधिक नागरिकों की मौत हो गई थी। इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में वह एक महत्वपूर्ण कड़ी था।

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