भारत की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में स्टार्ट अप्स अहम भूमिका निभा रहे हैं। इस बीच सिलिकॉन वैली के एक प्रमुख वेंचर कैपिटलिस्ट ने भारत सरकार से मांग की है कि उसे स्टार्ट अप्स के नियम-कानूनों की समीक्षा करनी चाहिए और कारोबारियों पर उनके अनुपालन का बोझ कम करना चाहिए।
भारतीय-अमेरिकी पूंजीपति वेंकटेश शुक्ला ने भारत सरकार को स्टार्टअप्स को कंट्रोल करने वाले नियम-कानूनों की समीक्षा के लिए अंतर-मंत्रालयी आयोग बनाने का सुझाव दिया है। TiE Silicon Valley के अध्यक्ष रहे वेंकटेश स्टार्टअप से संबंधित मुद्दों पर भारत सरकार और कई राज्य सरकारों के सलाहकार भी रहे हैं।
वेंकटेश शुक्ला ने एक इंटरव्यू में कहा कि मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण कदम जो भारत सरकार उठा सकती है, वह है एक अंतर-मंत्रालयी, अंतर-विभागीय अल्पकालिक आयोग या समिति बनाना। एक ऐसी समिति या आयोग जो सभी विभागों में स्टार्टअप्स को कंट्रोल करने वाले नियमों और विनियमों पर नए सिरे से विचार करे।
वेंकटेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार जोर देते हैं कि स्टार्टअप्स की सफलता भारत के लिए काफी अहम है। ये नई नौकरियां पैदा करते हैं, अर्थव्यवस्था को आगे ले जाते हैं। यह बात बिल्कुल सही है। वेंकटेश का कहना है कि अमेरिका के पिछले 100 साल से अधिक समय में इतना सफल होने का कारण इनोवेशन ही है। इसी की वजह से दुनिया के बाकी देशों की तुलना में अमेरिका की जीडीपी पीढ़ी दर पीढ़ी काफी हद तक स्थिर बनी हुई है।
वेंकटेश का कहना है कि ऐसा नहीं है कि भारत इस स्तर पर नहीं पहुंच सकता। इनोवेशन, बुद्धिमता के मामले में भारतीय किसी से पीछे नहीं हैं। लेकिन वहा गूगल जैसे कुछ क्यों नहीं है? फेसबुक जैसे कुछ क्यों नहीं है? भारत का कोई ओपन एआई क्यों नहीं आ रहा है? क्योंकि इसकी वजह वहां के नियम कानून हैं। ऐसे में सरकार को स्टार्टअप और व्यवसायों पर अनुपालन बोझ कम करने पर ध्यान देना चाहिए।
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