भारतीय मूल के लोगों के वैश्विक संगठन (GOPIO) के न्यूयॉर्क और मैनहट्टन चैप्टर ने केरल कल्चरल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका, पायनियर क्लब ऑफ केरलाइट्स और केरल समाजम सहित कई अन्य सामुदायिक संगठनों के साथ न्यूयॉर्क के एलमोंट में सामुदायिक मामलों के सलाहकार रहे एके विजयकृष्णन का विदाई रात्रि भोज में सम्मान किया।
भारतीय अमेरिकी केरल केंद्र के साथ इस विदाई समारोह में वर्ल्ड मलयाली काउंसिल एनवाई, एफओएमएए मेट्रो क्षेत्र, फोकाना मेट्रो क्षेत्र, लॉन्ग आइलैंड मलयाली कल्चरल एसोसिएशन और इंडियन अमेरिकन मलयाली एसोसिएशन ऑफ लॉन्ग आइलैंड और मिलान कल्चरल एसोसिएशन जैसे सामुदायिक संगठनों की भी भादीदारी रही। एके विजयकृष्णन को साढ़े चार साल की सेवाओं के बाद विदाई दी गई।
कार्यक्रम की शुरुआत में केरल केंद्र के अध्यक्ष एलेक्स एस्थाप्पन ने अपने स्वागत भाषण में वाणिज्य दूत विजयकृष्णन की प्रशंसा की। GOPIO इंटरनेशनल के चेयरमैन डॉ. थॉमस अब्राहम ने कहा कि हालांकि कई दूत आते-जाते रहे लेकिन सामुदायिक संगठनों ने कॉन्सल विजयकृष्णन को उचित विदाई देने का फैसला किया है क्योंकि उन्होंने समुदाय की सेवा के लिए खुद को 24/7 उपलब्ध रखते हुए कर्तव्य के आह्वान से ऊपर अपनी सेवा का निर्वहन किया।
विदाई समारोह के दौरान अन्य समुदायों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी। इस दौरान बीना कोठारी, अध्यक्ष, GOPIO-NY; सुरेश शर्मा, अध्यक्ष, मिलन कल्चरल एसोसिएशन (हार्टफोर्ड, सीटी); जॉनी जकारिया, अध्यक्ष, पायनियर क्लब ऑफ केरलाइट्स; सर्गवेदी के अध्यक्ष मनोहर थॉमस; कैराली टीवी के जोस कदापुरम; फिलिप मदाथिल, अध्यक्ष, केरल कल्चरल एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका; न्यूयॉर्क के केरल समाजम के अध्यक्ष सिबी डेविड; थॉमस टी. ओमन, लॉन्ग आइलैंड मलयाली सांस्कृतिक संघ; कलावेदी के सिबी डेविड और विश्व मलयाली परिषद के बीजू चाको ने भी अपनी बात कही। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता डॉ. सुमिता सेनगुप्ता, कलाथिल वर्गीज, कोशी थॉमस के अलावा मे फिलिप और मैथ्यू कुट्टी इसो भी वक्ताओं में शामिल थे।
तमाम लोगों की टिप्पणियों के जवाब में विजयकृष्णन ने कहा कि उन्हें भारतीय अमेरिकी समुदाय के लाभ के लिए काम करने में पूरा आनंद आया। विजयकृष्णन ने कहा कि उन्होंने कई क्षेत्रीय सामुदायिक उत्सवों में भाग लिया है और सामुदायिक संगठनों को सुझाव दिया है कि जब भी कोई क्षेत्रीय उत्सव आयोजित किया जाए तो अन्य भारतीय सामुदायिक संगठनों के कुछ सदस्यों को आमंत्रित किया जाए। इससे हमारे सभी समुदायों को भारतीय त्योहारों की बेहतर समझ और ज्ञान में मदद मिलेगी।
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