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सीता के जरिए समृद्ध भारतीय संस्कृति से रूबरू कराती है तेजल मिश्रा की ये किताब

तेजल मिश्रा की 'सीकिंग सीता: द फर्स्ट दिवाली' में दुष्ट राजा रावण की कैद से छूटने के बाद सीता के अयोध्या में लौटने की कहानी है। यह किताब अब बिक्री के लिए उपलब्ध है।

भारतीय अमेरिकी तेजल मिश्रा की जिंदगी पर भारत की संस्कृति का गहरा असर है। /

भारतीय मूल की अमेरिकी लेखक तेजल तोपरानी मिश्रा ने बच्चों के लिए अपनी नई किताब 'सीकिंग सीता: द फर्स्ट दिवाली' जारी की है। इसमें दिल को छू लेने वाली कहानी के माध्यम से भारतीय संस्कृति की समृद्ध परंपराओं एवं मूल्यों के बारे में बताया गया है। 

'सीकिंग सीता: द फर्स्ट दिवाली' में दुष्ट राजा रावण की कैद से छूटने के बाद सीता के अयोध्या राज्य में लौटने की घटना का विवरण दिया गया है। मिश्रा कहती हैं कि पृथ्वी की बेटी और देवी लक्ष्मी की अवतार सीता शांति और साहस की प्रतीक हैं। उनका आदर्शवादी जीवन वर्तमान आधुनिक समाज में भी मौजूं है। 

पेशे से थेरेपिस्ट तेजल मिश्रा का मानना है कि कहानियों का युवाओं के मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सीता की कहानी के माध्यम से उनका उद्देश्य मनोरंजन के साथ जीवन के अमूल्य सबक प्रदान करना है। उन्हें उम्मीद है कि सभी पृष्ठभूमि के बच्चे सीता की कहानी से ताकत और साहस महसूस कर सकें।

तेजल मिश्रा की पुस्तक सामयिक है। यह ऐसे समय में भारतीय संस्कृति के बारे में अलग नजरिया पेश करती है जब सांस्कृतिक समझ के साथ दयालुता की बेहद आवश्यकता है। तेजल मिश्रा की 'सीकिंग सीता: द फर्स्ट दिवाली' अब बिक्री के लिए उपलब्ध है।

तेजल मिश्रा का जीवन पैतृक जड़ों से गहरे से जुड़ा है। वह अक्सर अपने परिवार के साथ भारत की यात्राएं करते हुए बड़ी हुई हैं। भारतीय अनुभवों ने उनके लेखन को काफी प्रभावित किया है। उन्होंने अपने दो बेटों को भी भारत की सांस्कृतिक विरासत का ज्ञान दिया है। 

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