केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भर बनने, सप्लाई चेन को मजबूत करने और तकनीकी सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए आपसी साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं। नई दिल्ली में बुधवार को अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) की 49वीं सालाना आम बैठक में बोलते हुए गोयल ने वैश्विक आर्थिक स्थिरता और इनोवेशन के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दोनों राष्ट्रों के एक साथ काम करने के महत्व पर जोर दिया।
गोयल ने कहा, 'भारत और अमेरिका द्विपक्षीय और भू-राजनीतिक मामलों में समान हितों के साथ एक रणनीतिक और परिणामी संबंध साझा करते हैं। उभरती तकनीकों, खासकर आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने इसे दोनों देशों के भविष्य के लिए जरूरी बताया।
9/11 के आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गोयल ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक प्रयास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला आतंकवाद के हमेशा मौजूद खतरे की याद दिलाता है। भारत दशकों से सीमा पार आतंकवाद से जुझ रहा है। हमें साझा रूप से इस प्रकार के कार्यों के साथ-साथ विभाजनकारी प्रवृत्तियों और झूठे प्रचार की निंदा करनी चाहिए।
गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'रिफॉर्म -परफॉर्म-ट्रांसफॉर्म' एजेंडा को भी रेखांकित करते हुए कहा कि यह भारत के ग्रोथ को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय व्यवसायों से भारत में काम करने के अपने सकारात्मक अनुभवों को साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने हाल के सुधारों का उल्लेख किया जो देश के परिवर्तन में महत्वपूर्ण हैं।
1893 में शिकागो में दिए गए स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण का संदर्भ देते हुए गोयल ने कहा कि राष्ट्रों के बीच साझेदारी और समृद्धि के विषय आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही हम एक अधिक सहयोगी और शांतिपूर्ण वैश्विक वातावरण के लिए काम करते हैं, तो वैश्विक सहिष्णुता और सामंजस्य के सिद्धांत महत्वपूर्ण हैं।
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