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अमेरिकी NSA ने इसलिए कहा, भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी एक नई ऊंचाई पर

NSA जेक सुलिवन ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी प्रौद्योगिकी और सुरक्षा समेत कई अन्य आयामों के साथ एक नए मुकाम पर है। उन्होंने कहा कि हमने न केवल पारंपरिक सहयोगियों के साथ बल्कि वियतनाम, इंडोनेशिया, आसियान जैसे देशों के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत किया है।

NSA जेक सुलिवन ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के साथ साझेदारी एक नई ऊंचाई पर पहुंची है। / @Tabrez

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने कहा है कि प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के साथ भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी एक नई ऊंचाई पर पहुंची है। NSA जेक सुलिवन ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिक्स में शामिल देश अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी प्रौद्योगिकी और सुरक्षा समेत कई अन्य आयामों के साथ एक नए मुकाम पर है।

ईरान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात और इथियोपिया के ब्रिक्स में शामिल होने के मद्देनजर दुनिया में अमेरिका के नेतृत्व में कमी और सऊदी अरब का हिस्सा बनने पर विचार करने के सवालों का जवाब देते हुए सुलिवन ने ये बातें कहीं। सुलिवन ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर आप अमेरिका की भूमिका को देखते हैं और दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों में उसके संबंधों को पर नजर डालते हैं तो हम जहां हैं उसे लेकर बहुत अच्छा महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर आप देखें कि नाटो के साथ क्या हुआ है, हमने नाटो को पहले से कहीं ज्यादा बड़ा बना दिया है। अगर आप अमेरिका, जापान और फिलीपींस के साथ ऐतिहासिक ट्राई लेटरल बातचीत पर गौर करें। यदि आप हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देखें कि कैसे हमने न केवल पारंपरिक सहयोगियों के साथ बल्कि वियतनाम, इंडोनेशिया, आसियान जैसे देशों के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत किया है।

सुलिवन ने कहा कि अगले महीने यहां केन्या के राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा के लिए स्वागत करेंगे, जो एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने अमेरिका में एक शिखर सम्मेलन में अफ्रीका के सभी नेताओं की मेजबानी की। अमेरिका ने बुनियादी ढांचे, डिजिटल, ऊर्जा में अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया और उससे आगे के क्षेत्रों में अपना निवेश बढ़ाया है।

सुलिवन ने कहा कि अमेरिका ने रूस के औद्योगिक आधार के इनपुट के बारे में चीन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि हमने ऐसा कोई सबूत नहीं देखा है कि चीन, रूस को सीधी सैन्य सहायता प्रदान करेगा, लेकिन हमने रूस के रक्षा औद्योगिक आधार को इनपुट के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है। इस बारे में सचिव ब्लिंकन ने पिछले सप्ताह यूरोप में काफी प्रभावी ढंग से बात की थी।

 

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