भारत ने कनाडा के इस आरोप को सिरे से और दृढ़ता के साथ खारिज कर दिया है कि उसका वहां के चुनाव में कोई हस्तक्षेप था। कनाडा का विदेशी हस्तक्षेप आयोग कनाडा सरकार से 2019 और 2021 के चुनावों में भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप से संबंधित दस्तावेज एकत्र करने और प्रस्तुत करने का अनुरोध कर रहा है।
जब इस बारे में पूछा गया तो भारत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने साफ तौर पर कहा कि हम इस तरह के आरोपों को दृढ़ता के साथ खारिज करते हैं। जयसवाल ने कहा कि दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना भारत सरकार की नीति नहीं है।
जयसवाल ने कहा कि आरोपों के उलट सच तो यह है कि कनाडा ही हमारे आंतरिक मामालों में दखल दे रहा है। हम उनके साथ इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं। हमारा कहना है कि कनाडा भारत की चिंताओं पर गंभीरता से ध्यान दे। चुनाव में हस्तक्षेप से जुड़ी खबरों के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जांच का आदेश दिया है।
विदेशी हस्तक्षेप आयोग के दस्तावेजों का संग्रह सार्वजनिक सुनवाई के पहले दौर का मामला था जिसमें यह जांच की गई थी कि क्या वर्गीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी और खुफिया जानकारी को जनता के सामने उजागर किया जाना चाहिए। इस बारे में कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS), सिग्नल इंटेलिजेंस, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कार्यालय और खुफिया सलाहकार डैन रोजर्स के शीर्ष जासूसों ने गवाही दी थी।
कनाडा सरकार ने G20 शिखर सम्मेलन के लिए ट्रूडो के भारत रवाना होने से ठीक पहले विदेशी हस्तक्षेप आयोग की स्थापना की थी। जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय हस्तक्षेप के आरोपों को लेकर ट्रूडो का कथित तौर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आमना-सामना भी हुआ था। भारत और कनाडा के रिश्ते लंबे समय से तल्ख चल रहे हैँ।
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