ADVERTISEMENTs

नेहरू बनाम पटेल नीति: भारत को यथार्थवाद के आधार पर चीन से निपटना चाहिए

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ आपसी सम्मान और संवेदनशीलता के साथ बातचीत करनी चाहिए और यह दृष्टिकोण यथार्थवाद पर आधारित होना चाहिए न कि नेहरूवादी युग की रूमानियत जैसा।

Image : X @DrSJaishankar /

भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा है कि भारत इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है कि दुनिया भर के देशों के साथ अपने संबंधों का विस्तार कैसे किया जाए। विदेशमंत्री ने पश्चिमी मीडिया में उनकी हालिया रूसी यात्रा पर आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि हर देश के अपने मूल्य और हित होते हैं।

उन्होंने पड़ोसी देश चीन के संबंध में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की नीतियों के बीच अंतर पर भी जोर दिया और कहा कि भारत को चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटना चाहिए जिसकी सरदार पटेल ने वकालत की थी।

जयशंकर अपनी नई किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' के लॉन्च के सिलसिले में बात कर रहे थे। यह किताब उन्होंने बीते 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की थी। एक बातचीत में जयशंकर ने भारत सहित कई विषयों पर बात की। पाकिस्तान, चीन, कनाडा और रूस के साथ संबंध, वैश्विक क्षेत्र में देश की भूमिका और इंडिया के बजाय 'भारत' बोले जाने को लेकर भी उन्होंने अपनी बात रखी।

भारत के चीन से संबंध

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ आपसी सम्मान और संवेदनशीलता के साथ बातचीत करनी चाहिए और यह दृष्टिकोण यथार्थवाद पर आधारित होना चाहिए न कि नेहरूवादी युग की रूमानियत जैसा। जयशंकर ने भारत के पहले गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री तथा तद्कालीन प्रधानामंत्री नेहरू के बीच मतभेदों को स्पर्श करते हुए यह बात कही।

जयशंकर ने कहा मैं चीन के साथ यथार्थवाद के आधार पर निपटने का तर्क देता हूं। मुझे लगता है कि यथार्थवाद का वह तनाव सरदार पटेल से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी को रहा। मेरे विचार से मोदी सरकार बहुत अधिक और यथार्थवाद के अनुरूप रही है। यह यथार्थवाद सरदार पटेल से उत्पन्न हुआ था।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

Related