डोनाल्ड ट्रम्प आगामी 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पदभार संभालने वाले हैं। इससे पहले उनके एच-1 बी वीजा को लेकर खुले समर्थन ने अमेरिका में नई बहस छेड़ दी है। भारत का कहना है कि ट्रम्प और उनके करीबी उद्यमी एलन मस्क के एच-1 बी वीजा के कुले समर्थन से दोनों देशों को फायदा होगा। कुशल पेशेवरों का आवागमन भारत-अमेरिका संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नई दिल्ली ने शुक्रवार को एच-1बी वीजा पर बहस के बीच कहा कि संबंध और लाभ दोनों देशों के लिए हैं, जिस पर ट्रम्प और उनके समर्थक एलन मस्क ने हाल ही में टिप्पणी की है।
दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत आईटी पेशेवरों के विशाल समूह के लिए जाना जाता है। भारतीय मूल के आईटी प्रोफेशनल्स दुनियाभर की कंपनियों में काम करते हैं। पिछले महीने के अंत में, ट्रम्प ने कहा था कि वह विदेशी श्रमिकों के लिए एच1बी कार्यक्रम का पूरी तरह से समर्थन करते हैं, जिसका टेस्ला और स्पेसएक्स के अरबपति सीईओ एलन मस्क ने भी समर्थन किया। भारत ने कहा कि ऐसे वीजा दोनों देशों को पारस्परिक लाभ प्रदान करते हैं।
अमेरिका में एच1बी वीजा चर्चा के बारे में पूछे जाने पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हमारे देशों में एक मजबूत और बढ़ती आर्थिक और तकनीकी साझेदारी है और इस दायरे में कुशल पेशेवरों की गतिशीलता एक महत्वपूर्ण घटक है।" उन्होंने कहा, "कुशल पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई तकनीकी विशेषज्ञता से भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को बहुत फायदा होता है, दोनों पक्ष अपनी ताकत और प्रतिस्पर्धी मूल्य का लाभ उठाते हैं। हम भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को और गहरा करने के लिए तत्पर हैं जो हमारे पारस्परिक लाभ के लिए हैं।"
बता दें कि 30 सितंबर, 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा जारी किए गए 265777 एच1बी वीजा में से लगभग 78% भारत को प्राप्त हुए थे। जायसवाल ने कहा कि भारत ट्रम्प के तहत संबंधों को मजबूत करने का इच्छुक है, यह देखते हुए कि भारत के विदेश मंत्री और विदेश सचिव ने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया और ट्रम्प की भावी टीम के साथ बैठकें कीं।
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