इंडिया फिलैंथ्रोपी अलायंस (आईपीए) अपनी पांचवीं वार्षिक युवा निबंध प्रतियोगिता के आयोजन के साथ एक महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुंच गया है। आईपीए भारत में समर्थन पहल के लिए समर्पित 21 गैर-लाभकारी और परोपकारी संगठनों का एक गठबंधन है।
निबंध प्रतियोगिता की शुरुआत वर्ष 2020 में की गई थी। इसी साल आईपीए ने भी अपने गठन के साथ गतिविधियां सार्वजनिक की थीं। आईपीए के मुताबिक प्रतियोगिता का उद्देश्य मध्य और उच्च विद्यालय के छात्रों के बीच परोपकारी सोच और गतिविधियों को बढ़ावा देना है। संगठन का कहना है कि अपनी स्थापना के बाद से ही युवाओं को परोपकार के लिए प्रेरित करना आईपीए का एक केंद्रीय लक्ष्य रहा है।
आयोजन समिति के अनुसार निबंध प्रतियोगिता भारत में विकास और गरीबी उन्मूलन पर काम कर रहे संगठनों के साथ युवाओं को जोड़ने में एक प्रभावशाली प्रारंभिक कदम के रूप में कार्य करती है। प्रतिभागियों को एक विकासात्मक मुद्दे का चयन करने का काम सौंपा गया है जिसे वे भारत में महत्वपूर्ण मानते हैं और उन्हे अपने लेखन के जरिये कार्रवाई योग्य समाधान प्रस्तावित करना होगा। इस वर्ष देश को प्रभावित करने वाले कम ज्ञात लेकिन महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है।
प्रतियोगिता के तहत आये निबंधों का मूल्यांकन उनकी प्रासंगिकता, मौलिकता, शोध की गहराई और प्रस्तावित समाधानों के आधार पर किया जाएगा। निबंध जमा करने की अंतिम तिथि 1 जुलाई, 2024 है। विजेता प्रतिभागियों को परोपकारियों, व्यापारिक नेताओं और गैर-लाभकारी अधिकारियों की एक राष्ट्रीय सभा में बोलने का अवसर मिलेगा। इसके अतिरिक्त, विजेताओं को उनकी चुनी हुई चैरिटी के लिए USD$1,000 का अनुदान मिलेगा, जबकि उपविजेता अपनी पसंद की चैरिटी के लिए USD$500 का अनुदान पाएंगे।
यह घोषणा आईपीए के हालिया इंडिया गिविंग डे अभियान की सफलता के बाद हुई जिसने अपने दूसरे वर्ष में 1,770 दानदाताओं से 5.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की प्रभावशाली राशि जुटाई है। युवा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन सर्व मंगल परिवार ट्रस्ट और सहगल फाउंडेशन की ओर से किया गया है।
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