भारत कुछ विदेशी निवेशकों को चुनिंदा देशों में निवेश के लिए रुपये में पूंजी जुटाने की अनुमति दे सकता है। एक सरकारी अधिकारी के हवाले से रॉयटर्स ने यह दावा किया है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य भारतीय मुद्रा के अंतर्राष्ट्रीय उपयोग को बढ़ावा देना है।
इससे पहले, भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में कहा था कि विदेशी निवेश की मुद्रा के रूप में भारतीय रुपये का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए भारत अपने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी निवेश नियमों को सरल बनाएगा।
प्रस्तावित योजना की सीधी जानकारी रखने वाले अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि नए प्रावधान से भारत के रणनीतिक हित वाले चुनिंदा देशों में रुपये में निवेश किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि विचार यह है कि किसी देश के विदेशी निवेशक को अपने देश में निवेश के लिए रुपये में भारतीय पूंजी जुटाने की अनुमति दी जाए। हम इसे देश से देश के आधार पर अनुमति देंगे। अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि योजना की डिटेल्स अभी सार्वजनिक नहीं की गई हैं। भारतीय वित्त मंत्रालय ने इस बारे में रॉयटर्स के ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया।
विदेशी निवेश के लिए भारतीय रुपये का इस्तेमाल बढ़ाना स्थानीय मुद्रा में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटान को बढ़ाने और डॉलर पर निर्भरता कम करने के भारत की कोशिशों का ही अगला चरण है।
अधिकारी ने बताया कि नई योजना को अमल में लाने के लिए भारत को अपने विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम में संशोधन करना होगा। इस महीने की शुरुआत में सरकार ने भारतीय कारोबारियों को वैश्विक स्तर पर विस्तार करने में मदद के लिए सीमा पार शेयर स्वैप को सरल बनाने के उद्देश्य से अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया था।
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