दुनिया में जिस तेजी से डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है, उसी तेजी से ऑनलाइन धोखाधड़ी भी बढ़ रही है। एक नई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पूरी दुनिया में फिशिंग अटैक की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं। इनमें भारत दुनिया में तीन सबसे ज्यादा टारगेट किए जाने वाले देशों में शामिल है।
यह जानकारी Zscaler थ्रेट लैब्ज़ की फ़िशिंग रिपोर्ट 2024 से सामने आई है। दुनिया में फ़िशिंग ट्रेंड्स का व्यापक विश्लेषण करके यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें बताया गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा ऑनलाइन लक्षित हमले भारत, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में होते हैं।
#ThreatLabz observed a 58.2% increase in phishing attacks with #AI likely to drive more effective targeting, according the latest phishing report.
— Zscaler ThreatLabz (@Threatlabz) April 24, 2024
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साल 2023 में Zscaler Zero Trust ExchangeTM प्लेटफॉर्म पर 2 अरब फ़िशिंग ट्रांजेक्शन को नाकाम किया गया था। यह दिखाता है कि डिजिटल इकोसिस्टम के लिए किस तेजी से खतरा बढ़ रहा है। इन्हीं आंकड़ों का विश्वेषण करके इस रिपोर्ट के निष्कर्ष निकाले गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साल 2023 में फिशिंग हमलों के कुल 7.9 करोड़ से अधिक प्रयास किए गए थे। यह इससे पिछले वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक हैं। इस तरह भारत सबसे ज्यादा फिशिंग अटैक झेलने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर अमेरिका है, जहां 1.1 अरब प्रयास दर्ज किए गए थे। उसके बाद दूसरे नंबर पर यूके में 112.9 मिलियन अटेम्प्ट किए गए थे।
भारत के अंदर टेक्नोलोजी सेक्टर में सबसे ज्यादा हमले हुए। देश में कुल फ़िशिंग अटैक्स में से लगभग 33 प्रतिशत टेक्नोलोजी सेक्टर पर हुए थे। वैश्विक स्तर पर फाइनेंस और बीमा सेक्टर में हमलों में 393 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जो वित्तीय क्षेत्र की डिजिटल निर्भरता पर इसके गहरे प्रभाव को दिखाता है।
Zscaler में एशिया पैसिफिक और जापान के CTO सुदीप बनर्जी ने इस उछाल के पीछे भारत में बढ़ते डिजिटल बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यापक इंटरनेट कनेक्टिविटी को मानते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, Microsoft के प्रोडक्ट्स पर सबसे ज्यादा फ़िशिंग अटैक हुए थे।
रिपोर्ट में साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल कमजोरियों का फायदा उठाने के ट्रेंड को देखते हुए विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगों को अपने साइबर सुरक्षा संबंधी उपायों को मजबूत करने की सलाह दी गई है। बढ़ते खतरों को देखते हुए फ़िशिंग जोखिमों से बचाने की रणनीति बनाना जरूरी हो गया है।
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