'द सिख्स ऑफ अमेरिका' के संस्थापक और अध्यक्ष जसदीप जेसी सिंह ने कहा कि भारत ने निष्पक्ष और तटस्थ चुनावों के साथ लोकतंत्र के तौर पर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश किया है। इतने सारे अलग-अलग दलों, अलग-अलग उम्मीदवारों के साथ इतने बड़े देश में मतदान करके 970 मिलियन लोग अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं। यह कोई आसान काम नहीं है। यह कोई साधारण बात नहीं है।
भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की सराहना करते हुए सिंह ने विपक्ष के नेता अरविंद केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय द्वारा रिहा किए जाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह भारत में न्यायपालिका की क्षमता का एक अच्छा उदाहरण है। आम आदमी पार्टी के नेता को वोट देने के लिए जमानत दी गई थी। सिंह की राय है कि भारत के मतदाता इस साल के आम चुनाव के बाद बीजेपी को सत्ता में वापस लाएंगे। इसकी वजह ये है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दशक में देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सिंह ने कहा कि जब इस साल के चुनाव की बात आती है, तो नागरिक पिछले 10 वर्षों में हुए विकास को देखेंगे। फिर इसके आधार पर अपना वोट डालेंगे। मुझे लगता है कि बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है। लोग देश में मोदी द्वारा लाए गए विकास की निरंतरता को देखेंगे और बीजेपी को सत्ता में वापस लाएंगे।
कनाडा में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर सिंह ने कहा कि हम निज्जर की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं। अगर कनाडा के पास कोई सबूत है तो उन्हें पेश करना चाहिए। हम भारत सरकार से मामले को देखने और इसमें शामिल लोगों को दंडित करने के लिए कहेंगे। लगभग छह महीने हो गए हैं और कनाडा ने कोई सबूत पेश नहीं किया है। इसलिए मेरा बयान वही है कि कनाडा सबूत प्रदान करें कि इसमें भारत शामिल है।
45 साल के निज्जर की जून 2023 में कनाडा के एक सिख आबादी वाले वैंकूवर उपनगर सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कुछ महीने बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस मामले में भारत सरकार की संभावित भागीदारी का आरोप लगाया था। जिससे नई दिल्ली के साथ राजनयिक संकट की स्थिति पैदा हो गई।
निज्जर एक कनाडाई नागरिक था जो तथाकथित खालिस्तान के लिए अभियान चला रहा था। कनाडा में सिख अलगाववादी समूहों की उपस्थिति ने नई दिल्ली को लंबे समय से निराश किया है। भारत ने निज्जर को आतंकवादी करार दिया था। न्यू इंडिया अब्रॉड से बात करते हुए सिंह ने जोर देकर कहा कि उनका संगठन 'द सिख्स ऑफ अमेरिका' उन सिख युवाओं की सहायता के लिए समर्पित है, जो बहकावे में आकर अवैध रूप से अमेरिका आ गए हैं।
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