भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच सोमवार से नई दिल्ली में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर सातवें दौर की बातचीत शुरू हो गई है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बातचीत का यह दौर पांच दिनों तक चलने की उम्मीद है। ब्रसेल्स में आयोजित छठे दौर की बातचीत 27 अक्टूबर, 2023 को संपन्न हुई थी।
यूरोपीय संघ के साथ प्रस्तावित व्यापार सौदा भारत द्वारा बातचीत किए जा रहे सबसे जटिल मुद्दों में से एक है। हालांकि दोनों पक्षों में इस सौदे को आगे बढ़ाने की दिलचस्पी है, लेकिन इस साल भारत के आम चुनाव और यूरोपीय संसद के चुनावों से पहले किसी सफलता की संभावना कम ही है।
जानकारों का कहना है कि भारत इस महीने के अंत में अबू धाबी में एमसी 13 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर विभिन्न आयातों पर कार्बन टैक्स या कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) लगाने के यूरोपीय संघ के कदम का विरोध करना जारी रखेगा, लेकिन इससे एफटीए वार्ता प्रभावित होने की संभावना नहीं है। अधिकारी का कहना है कि भारत पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और वैश्विक मंचों पर काफी कुछ कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) का आह्वान किया है।
अधिकारी ने कहा कि यूरोपीय संघ की मांगों में छोटी यूरोपीय फर्मों के लिए व्यापार की बाधाओं को दूर करना, सेवाओं को खोलना और भारतीय सार्वजनिक खरीद बाजार शामिल है। ऐसे मामलों पर बातचीत भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के हितों की रक्षा करते हुए पारस्परिकता और इक्विटी के सिद्धांतों पर की जा रही है।
एक अधिकारी ने कहा कि पिछले दौर में वस्तुओं और सरकारी खरीद प्रस्तावों से संबंधित नीतिगत क्षेत्रों को कवर किया गया था। सातवें दौर में सेवाओं और निवेश को शामिल किए जाने की उम्मीद है। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि छठे दौर में दोनों पक्षों द्वारा पेश मुद्दों पर काम में तेजी लाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था और तकनीकी मामलों पर कुछ प्रगति हुई थी।
अधिकारी ने बताया कि सातवें दौर के लिए बातचीत की तारीख और मुद्दे दोनों पक्षों के मुख्य वार्ताकारों द्वारा दो अलग-अलग बैठकों को तय किया गया है। पिछले साल नवंबर के मध्य में ब्रसेल्स में और इसके बाद पिछले महीने नई दिल्ली में चर्चा हुई थी। अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष पहले ही दौर में माल और सार्वजनिक खरीद से संबंधित मामलों पर 'पर्याप्त' बातचीत कर चुके हैं। उन्होंने कहा, मतभेदों को दूर करने और सातवें दौर की बातचीत का आधार तैयार करने के वास्ते दोनों पक्ष पिछले तीन-चार महीने से रचनात्मक रूप से जुड़े हुए थे।
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