भारत स्वतंत्रता के बाद के वर्षों में चीन के बाद दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। ब्लूमबर्ग ने एक हालिया रिपोर्ट में भविष्यवाणी की है कि अगर भारत में इसी गति से बदलाव आया तो वह चीन से आगे निकल सकता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2023 में राजनीतिक अशांति कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या और अमेरिका में एक अमेरिकी नागरिक को निशाना बनाने की साजिश से संबंधित थी।
रिपोर्ट कहती है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत का आर्थिक परिदृश्य बदल गया है। विशेष रूप से बुनियादी ढांचे के विकास में पिछले दशक में भारत ने सड़कों, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रेलवे, बिजली और दूरसंचार नेटवर्क के निर्माण में भी वृद्धि की है। वर्ष 2014 के बाद से लगभग 34,000 मील राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है।
यही नहीं भारत ने अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाया है और स्मार्टफोन के उपयोग और प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण जैसे कार्यक्रमों को लागू करने वाले डिजिटल लेनदेन की सुविधा प्रदान करने में भी गति हासिल की है।
भारत ने सेवा निर्यात, विशेष रूप से उच्च-कुशल क्षेत्रों में वृद्धि देखी है। इससे शहरी विकास और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिला। ब्लूमबर्ग के अनुसार यदि भारतीय अर्थव्यवस्था प्रेषण और निवेश में फलती-फूलती रही तो यह 2028 तक चीन से आगे निकल सकती है।
जहां तक ड्रेगन की बात है तो इस बीच राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नीतियों के कारण चीन की आर्थिक मंदी और बढ़ गई। Apple जैसे प्रमुख खिलाड़ियों ने अमेरिका-चीन आर्थिक तनाव के बीच देश के बढ़ते उपभोक्ता आधार और रणनीति का लाभ उठाते हुए भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित किये। इन घटनाक्रमों ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के आगे निकलने की संभावनाओं को रेखांकित किया है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login