भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वाशिंगटन डीसी में अपने संबोधन में भारत-अमेरिका संबंधों की लगातार बढ़ती ताकत पर जोर दिया और इसे राजनीति से परे बताया।
अमेरिका की संक्षिप्त यात्रा पर आए पीयूष गोयल ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई और विभिन्न उद्योग जगत के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान गोयल ने दोनों देशों के बीच व्यापार एवं औद्योगिक सहयोग को भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। द्विपक्षीय संबंधों पर गोयल ने कहा कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हमने ओबामा प्रशासन, ट्रंप प्रशासन और अब बाइडेन प्रशासन के साथ काम किया है। दोनों देशों के बीच संबंध लगातार उच्चस्तरीय वार्ताओं की बदौलत हर महीने और भी बेहतर तथा परिपक्व हो रहे हैं।
पीयूष गोयल की यात्रा की एक उपलब्धि महत्वपूर्ण खनिजों पर एमओयू रहा। इस समझौते को सप्लाई चेन सुरक्षित करने और दोनों देशों के बीच गहरे जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। नौवें भारत-अमेरिका सीईओ फोरम में चर्चा अंतरिक्ष, विमानन, स्वच्छ ऊर्जा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित रही। भारत कई महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिए वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।
भारतीय मंत्री ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अंदर भारत और अमेरिका की भूमिका में बदलाव का भी उल्लेख किया। कभी डब्ल्यूटीओ में मुकदमेबाजी में उलझे रहे दोनों देश अब अधिक सहयोगात्मक रुख अपना रहे हैं।
भारत को संरक्षणवादी करार दिए जाने पर यूएसटीआर के पूर्व रॉबर्ट लाइटहाइजर की टिप्पणी पर गोयल ने कहा कि हर देश अपने राष्ट्रीय हित के लिए कुछ चीजों की सुरक्षा करता है। भारत की व्यापार नीतियां मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) सिस्टम का पालन करती हैं। उन्होंने व्यापारिक चुनौतियों से निपटने में मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के महत्व को भी रेखांकित किया।
पीयूष गोयल ने तीसरे देशों में और संयुक्त परियोजनाओं पर भारत-अमेरिका सहयोग जारी रखने के महत्व पर जोर दिया। द्विपक्षीय संबंधों के सुनहरे भविष्य की उम्मीद के साथ कहा कि हम निश्चित रूप से आपसी विश्वास की उसी भावना के साथ मिलकर काम करते रहेंगे जो इस रिश्ते को परिभाषित करती है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login