(लोपा दरबार)
चुनावों के दौरान माहौल बनाने में झंडे, बैनर का अहम योगदान रहता है। लोगों को चुनाव का एहसास तभी होता है, जब हर जगह पार्टी के झंडे, बैनर दिखाई देते हैं। भारत में लोकसभा के लिए चुनाव चल रहा है। तारीखों का ऐलान हो चुका है। आने वाले दिनों में देशभर में अलग-अलग चरणों में मतदान होंगे। ऐसे में चुनाव प्रचार जोरों पर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, देश भर में अलग-अलग दलों के लिए चुनाव सामग्री तैयार करने में सूरत की कपड़ा इंडस्ट्री का अहम योगदान है।
सूरत को पॉलिएस्टर कपड़ों का हब माना जाता है और विभिन्न राजनीतिक दल अपने चुनाव अभियानों के लिए उपयोग किए जाने वाले टोपी, झंडे, स्कार्फ और प्रचार से संबंधित विभिन्न अन्य सामग्रियों के अपने यहीं ऑर्डर देते हैं। इस समय देश भर से अलग-अलग दलों द्वारा सूरत में अलग-अलग व्यापारियों को ऑर्डर दिए गए हैं। व्यापारी लोकसभा चुनाव में 1000 से 1200 करोड़ के कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सूरत शहर में लगभग 78,000 कपड़ा व्यापारी हैं और उनमें से अनुमानित 6,000 चुनावी अभियान सामग्री का निर्माण करते हैं। यह कपड़ा शहर काफी हद तक पॉलिएस्टर कपड़े बनाती है। अधिकांश राजनीतिक दल पॉलिएस्टर कपड़े से बने उत्पादों की मांग करते हैं, क्योंकि पॉलिएस्टर कपड़े और इससे बने उत्पाद अधिक टिकाऊ होते हैं और यह कपड़ा मुरझाता नहीं है और यह लागत के हिसाब से भी अनुकूल है।
कई व्यापारियों को कई अन्य वस्तुओं के ऑर्डर भी मिले हैं जिनमें साड़ी और लेडीज कुर्ती शामिल हैं। ऐसे में अगर ऑर्डर बहुत मिल रहे हैं तो काम भी तेजी से चल रहा है। अलग-अलग व्यापारियों द्वारा कर्मचारियों से दो शिफ्ट में काम कराया जा रहा है। कारोबारी बहुत तेजी से राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए ऑर्डर तैयार करने में लगे हुए हैं।
हाल ही में आपने देखा होगा कि बीजेपी की नई टोपियां जो विभिन्न राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान इस्तेमाल की गई थीं, वह सूरत के प्रमुख कपड़ा समूह सिद्धिविनायक द्वारा निर्मित की गई थीं, जिन्हें 'लक्ष्मीपति' के नाम से जाना जाता है। इसी तरह सूरत के इस व्यवसाय समूह ने पहले ही अभियानों में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न सामानों का एक बड़ा ऑर्डर हासिल कर लिया है।
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