अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने न्यू हैंपशायर में अपने प्रचार अभियान के दौरान दुनियाभर के अप्रवासियों पर तीखे हमले किए। ट्रंप ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा वे (अप्रवासी) अफ्रीका से, एशिया से, पूरी दुनिया से हमारे देश में आ रहे हैं और यहां आकर हमारे देश के खून में जहर घोल रहे हैं।
रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए अपने प्रतिस्पर्धियों से हर सर्वेक्षण में आगे चल रहे ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि आप्रवासी मानसिक संस्थानों और पागलखाने से आते हैं। वह जैसे ही फिर से राष्ट्रपति का पदभार संभालेंगे, सभी अप्रवासन पर नकेल कसेंगे। ट्रंप ने कानूनी तरीके से आने वाले अप्रवासियों और बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों में भी अंतर नहीं किया और सभी को एक ही चश्मे से देखते हुए हमला बोला।
याद दिला दें कि ट्रम्प के कार्यकाल में व्हाइट हाउस में एच-1बी पात्रता निर्धारित करने के नियम बहुत सख्त कर दिए गए थे। विशेष व्यवसायों का दायरा घटाने के अलावा दस्तावेजों की मांग काफी बढ़ गई थी।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब बाइडन प्रशासन यूक्रेन और इजराइल के लिए फंडिंग पैकेज पर बातचीत का प्रयास कर रहा है। प्रस्तावित पैकेज शरण के दावों के आधार पर आव्रजन को काफी हद तक खत्म कर देगा। इससे आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) अधिकारियों को जज के सामने सुनवाई के बिना लोगों को निर्वासित करने की अनुमति मिल जाएगी।
भारतीय अमेरिकी नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की इस टिप्पणी की चौतरफा आलोचना की है। एएपीआई विक्ट्री फंड के चीफ ऑफ स्टाफ वैभव जैन ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि डोनाल्ड ट्रंप पहले से ही विभाजित देश में नफरत उगलने का काम कर रहे हैं। वह इस देश के ताने-बाने को नष्ट करने पर तुले हैं जो ढाई शताब्दी में लाखों प्रवासियों और शरणार्थियों के प्यार एवं परिश्रम से तैयार हुआ है।
उन्होंने कहा कि अप्रवासी हमारे देश के खून में जहर नहीं घोल रहे हैं बल्कि हम सब इस देश की जान हैं। हमने हमेशा ही अमेरिका को महान बनाने में मदद की है।
'द सी ब्लू' के सह-संस्थापक राजीव भटेजा ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि अपने खून-पसीने और आंसुओं से अप्रवासियों की कई पीढ़ियों ने अमेरिका को उस महान राष्ट्र के रूप में खड़ा किया है, जो आज है। यह कल्पना करना मुश्किल है कि आव्रजन के बिना यह देश कैसा दिखेगा।
उन्होंने कहा कि आज आव्रजकों को शिक्षा, विज्ञान, उद्योग, व्यापार, उच्च तकनीक एवं सरकार के उच्चतम स्तर पर देखा जा सकता है। उनकी उद्यमिता ने समाज को नया रूप देने में मदद की है और अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि ट्रंप का विदेशियों के प्रति नफरत फैलाने वाला प्रलाप अमेरिकियों को और विभाजित करना चाहता है। यह उनके निम्न मानकों के प्रतिकूल है। देखा जाए तो अमेरिकियों की विशाल आबादी को अप्रवासियों के खून से पैदा होने का आशीर्वाद मिला है। इसमें डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हैं, जिनकी मां स्कॉटिश और दादा जर्मन थे।
जो बाइडेन की प्रचार टीम ने भी डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे नाजी नेता एडोल्फ हिटलर के बयानों से मेल खाते हैं।
साउथ एशियंस फॉर अमेरिका के नेशनल ऑर्गनाइजिंग अध्यक्ष अरिनी कृष्णन ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि न्यू हैम्पशायर रैली में ट्रंप का यह बयान कि आप्रवासी देश के खून में जहर घोल रहे हैं, उन अप्रवासियों के लिए आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए, जो उनसे परिचित हैं। ट्रंप अपनी खतरनाक, नस्लवादी बयानबाजी और निरंकुश श्वेत राष्ट्रवादी राजनीति के लिए चर्चित हैं।
कृष्णन ने कहा कि जब ट्रंप राष्ट्रपति थे तब उन्होंने दिखा दिया था कि वह असल में किस तरह के इंसान हैं। यही कारण है कि हमारे जैसे ग्रुप 2024 में राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को फिर से सत्ता में आने में मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चार मामलों में 90 से अधिक आरोपों का सामना कर रहे पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की ऐसी टिप्पणियां अमानवीय नाज़ी प्रचार के समान हैं। उनका कहना था कि जो लोग अब भी सोच रहे हैं कि वे 2024 में मतदान नहीं करेंगे, उन्हें उस दौर की कल्पना कर लेनी चाहिए, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में, अगर हुआ तो, सामने आएगा।
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