इलिनोइस (Illinois) के गवर्नर जेबी प्रित्जकर (JB Pritzker) ने 12 जून को एक घोषणा पर हस्ताक्षर किए। इसमें 25 जून को भारतीय-अमेरिकी (भारत) वेटरन्स एप्रीसिएशन डे घोषित किया गया। यह घोषणा भारतीय-अमेरिकी समुदाय से जुड़े दिग्गजों के देश के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए उन्हें सम्मानित करने के मकसद से की गई है।
प्रीत्जकर ने सभी इलिनॉयवासियों से भारतीय-अमेरिकियों के योगदान को स्वीकार करने का आग्रह किया। घोषणा में कहा गया है कि भारतीय मूल के लोग न केवल अमेरिकी समाज के विभिन्न वाणिज्यिक क्षेत्रों और उद्योगों में, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका के सशस्त्र बलों में योगदान दे रहे हैं। घोषणा में कहा गया है कि हम हमारे महान सशस्त्र बलों में हमारे भारतीय-अमेरिकी (भारत) सदस्यों के योगदान को भी गर्व के साथ स्वीकार करते हैं और पहचानते हैं।
शिकागो में भारत के महावाणिज्यदूत सोमनाथ घोष ने भारतीय अमेरिकी प्रतिभा को पहचानने के लिए प्रित्जकर को सराहना पत्र लिखा है। घोष ने पत्र में कहा है कि हम 25 जून को भारतीय अमेरिकी वेटरन्स एप्रीसिएशन डे घोषित करने वाली आपकी घोषणा की बहुत सराहना करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय प्रवासियों ने मानव प्रयास के सभी क्षेत्रों में बहुत योगदान दिया है। भारतीय मूल के लोगों की कुल संख्या लगभग पांच मिलियन है। वे व्यापार, विभिन्न व्यवसायों, राजनीतिक जीवन, और यहां तक कि अमेरिकी सैन्य सेवाओं में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।
इंडो-अमेरिकन वेटरन्स ऑर्गेनाइजेशन (IAVO.US) ने इस पहल का नेतृत्व किया है। इसकी स्थापना 2021 में क्रिस आर्यन ने की थी। यह संगठन भारतीय-अमेरिकी वेटरन्स द्वारा किए गए बलिदानों को स्वीकार करने के लिए समर्पित है।
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