ADVERTISEMENTs

ICNY ने कहा, इंडिया डे परेड में राम मंदिर की झांकी निकालने पर पुनर्विचार करें आयोजक

आईसीएनवाई ने कहा है कि परेड के आयोजकों को धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने का कानूनी अधिकार है लेकिन हमें उम्मीद है कि वे अपने दूसरे धर्म के पड़ोसियों की भावनाओं को देखते हुए संवेदनशीलता से फैसला करेंगे।

न्यूयॉर्क में अयोध्या के राम मंदिर का भव्य झांकी निकाली जानी है। / X @ShriRamTeerth

न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली इंडिया डे परेड में इस बार अयोध्या के भव्य राम मंदिर की झांकी भी निकाली जाएगी। इंटरफेथ सेंटर ऑफ न्यूयॉर्क (आईसीएनवाई) ने इस्लामोफोबिया का हवाला देते हुए इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

आईसीएनवाई ने फेडरेशन ऑफ इंडिया एसोसिएशन (एफआईए), भारतीय वाणिज्य दूतावास और परेड के अन्य स्पॉन्सर्स से अपील करते हुए कहा है कि राम मंदिर की झांकी को न्यूयॉर्क में रहने वाले मुस्लिम समुदाय द्वारा इस्लामोफोबिया के सार्वजनिक प्रदर्शन की तरफ देखा जाएगा जो ठीक नहीं होगा।

आईसीएनवाई ने कहा है कि इतिहास भले ही जटिल हो लेकिन अयोध्या का नवनिर्मित राम मंदिर हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक संघर्ष का केंद्र रहा है। हिंदू मंदिर के स्थल को भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में देखते हैं, वहीं यह जगह सदियों से मुगल सम्राट बाबर की बनाई एक मस्जिद भी रही है। 1992 में हिंदू कार्यकर्ताओं ने ऐतिहासिक बाबरी मस्जिद को नष्ट कर दिया था जिसके बाद पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में दंगे भड़क उठे थे।

संगठन ने आगे कहा कि मंदिर के विवादित इतिहास को देखते हुए अयोध्या से हजारों मील दूर न्यूयॉर्क शहर में हिंदू राष्ट्रवादियों द्वारा इसकी झांकी निकालकर जश्न मनाने को भारत के करीब 20 करोड़ मुसलमानों की उपस्थिति को मिटाने के प्रयास के रूप में देखा जा सकता है।

आईसीएनवाई ने स्पष्ट किया कि परेड के आयोजकों को धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने का कानूनी अधिकार है लेकिन हमें उम्मीद है कि वे अपने धार्मिक रूप से अलग पड़ोसियों की भावनाओं को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेंगे।

संगठन ने सुझाव दिया है कि ऐसे समय में जब मध्य-पूर्व में संघर्ष चल रहा है, ब्रिटेन में दंगे हो रहे हैं और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं, ऐसे में यह बेहतर होगा कि न्यूयॉर्क में परेड से स्थानीय स्तर पर विभाजन बढ़ाने वाला कोई काम न किया जाए।

आईसीएनवाई ने कहा कि न्यूयॉर्क में विविध आस्थाओं वाले समुदाय शहरी ताने-बाने को ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में भारतीय-अमेरिकी और हिंदू पहचान के इस जश्न के जरिए धार्मिक शत्रुता भड़काने का जोखिम उठाने की आवश्यकता नहीं है। 
 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

Related