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बर्लिंगटन में 'थ्रेड्स ऑफ इंडिया' दिवाली इवेंट की धूम, IAB की अगुआई में जमा रंग

इंडियन अमेरिकन्स फॉर बर्लिंगटन (आईएबी) की तरफ से आयोजित समारोह में 1200 से अधिक मेहमानों ने हिस्सा लिया और भारतीय परंपराओं का समृद्ध उत्सव मनाया। 

दिवाली उत्सव का आयोजन मैसाचुसेट्स के बर्लिंगटन कॉमन्स में किया गया। / Image provided

इंडियन अमेरिकन्स फॉर बर्लिंगटन (आईएबी) ने मैसाचुसेट्स के बर्लिंगटन कॉमन्स में दिवाली उत्सव का धूमधाम से आयोजन किया। इस जीवंत समारोह में 1200 से अधिक मेहमानों ने हिस्सा लिया और भारतीय परंपराओं का समृद्ध उत्सव मनाया। 
 
बताया गया कि कार्यक्रम का संयोजन अशनील एजेंकर, ऋषिता रवि, आरिया मदन नागपाल और अक्षरा अग्रवाल ने किया। उन्होंने "थ्रेड्स ऑफ इंडिया" पर केंद्रित सवाल जवाब के इंटरैक्टिव सत्र से समां बांध दिया। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी प्रदर्शन किया गया। ताशा ग्रुप के अलावा फ्लावर योगा, तराना स्कूल ऑफ कथक, गुरुकुल और डांसिंग सुपर मॉम्स ने मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियां दीं। कई अन्य प्रतिभाशाली कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करके भारतीय रीति-रिवाजों की विविधता का जश्न मनाया। 
 

समारोह में बर्लिंगटन शहर के अधिकारियों के अलावा न्यू इंग्लैंड के पांच सामुदायिक संगठनों को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। ये संगठन हैं- विजन-एड, एफआईए-एनई, एकल विद्यालय, एचएसएस और Women Who Win। यह सब आईएबी प्रेसिडेंट दीपा अग्रवाल के नेतृत्व में हुआ। 

Women Who Win ऐसा संगठन है जो मेंटरशिप और लीडरशिप के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाता है। उन्हें समुदाय में असाधारण योगदान के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

महोत्सव के दौरान ट्रेजरी किचन की तरफ से भारतीय व्यंजनों की पेशकश की गई। ट्रेजरी किचन के फूड स्टॉल पर करीब 400 लड्डू बॉक्स लोगों को बांटे गए। सजी दुकानों ने भी कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। 

बर्लिंगटन हाई स्कूल में IAB और दक्षिण एशियाई छात्र संघ (SASA) के बीच साझेदारी अलग आकर्षण रही। आईएबी वॉलंटियर्स ने भारत की विभिन्न संस्कृतियों को दर्शाने वाली थीम के साथ फैशन शो आयोजित किया। लॉटरी के जरिए कई पुरस्कार बांटे गए। इन्हें स्थानीय कारोबारियों ने प्रायोजित किया था। 

महोत्सव में आईएबी एग्जिक्यूटिव काउंसिल के समर्पित सदस्यों  खासकर कोषाध्यक्ष अतुल भम्मर और सचिव स्मिता कपाड़िया का विशेष सहयोग रहा। श्वेता माथुर, वसंत कन्नन, अमृत सोनी और शिल्पा पतंगे एजेनकर ने भी योगदान दिया। 

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